Tuesday, April 30, 2024
Advertisement

पुलिस ही बनी चोर! सोने के 240 सिक्के चुराना पुलिसवालों को पड़ा मंहगा, अब SIT करेगी मामले की जांच

मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में एक आदिवासी परिवार के घर से चार पुलिसवालों द्वार मार-पीट करके 240 सोने के सिक्कों की कथित चोरी का मामला सामने आया था। अब इस केस की गुत्थी को सुलझाने के लिए एक विशेष जांच दल यानी SIT की एंट्री हो गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 26, 2023 16:36 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : FILE प्रतीकात्मक फोटो

मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले से हाल में पुलिस वालों द्वारा चोरी का एक अनौखा मामला सामने आया था। अलीराजपुर जिले में एक आदिवासी परिवार के घर से चार पुलिसवालों द्वार मार-पीट करके 240 सोने के सिक्कों की कथित चोरी का मामला सामने आया था। अब इस केस की गुत्थी को सुलझाने के लिए एक विशेष जांच दल यानी SIT का गठन किया गया है। इस बात जानकारी एक अधिकारी ने दी। जिले के सोंडवा पुलिस स्टेशन के चार पुलिसकर्मियों पर एक आदिवासी परिवार से प्राचीन सिक्के छीनने का आरोप है, जिन्हें गुजरात में एक उत्खनन स्थल पर मजदूर के रूप में काम करते समय ये सिक्के मिले थे, जिसे उन्होंने एमपी में अपने घर में छिपा दिया था।

'चारों पुलिसवाले सस्पेंड'

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि थाना प्रभारी और तीन कांस्टेबल सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई है। पुलिसकर्मियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। अलीराजपुर के पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह ने कहा कि SIT का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सखाराम सेंगर करेंगे। उन्होंने कहा, "टीम दो हिस्सों में काम कर रही है। पहली टीम शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को गुजरात के नवसारी जिले के बेलीमोरा गांव ले गई जहां उन्हें खुदाई के दौरान ब्रिटिश काल के 240 सोने के सिक्के मिले।"

'मौजूदा दरों के हिसाब से ₹ 45 हजार कीमत'
शिकायतकर्ता ने 1922 का एक सोने का सिक्का पुलिस को दिया, जिसका मूल्यांकन एक जौहरी से कराया गया। इसका वजन 7.98 ग्राम है और यह 90 प्रतिशत शुद्ध सोना है। जबकि सोने की मौजूदा दरों के अनुसार सिक्के की कीमत लगभग ₹ 45,000 है, सराफा विशेषज्ञों ने कहा कि प्राचीन वस्तु होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी कीमत लाखों में हो सकती है। 

'आरोपी पुलिसकर्मियों की तलाश'
अधिकारी ने बताया कि पुलिस आदिवासी परिवार के सदस्यों को गुजरात स्थित उस घर में ले गई जहां उन्हें सोने के सिक्के मिले। एसपी ने कहा, ''पुलिस ने अन्य मजदूरों और ठेकेदारों से भी उनके बारे में पूछताछ की और घटनास्थल को फिर से बनाया।'' उन्होंने बताया कि टीम गुजरात से वापस आ गई है। उन्होंने कहा, "दूसरी टीम आरोपी पुलिसकर्मियों की तलाश कर रही है और सोने के सिक्के भी बरामद करने की कोशिश कर रही है।"

'चोरी के बजाय लूट से संबंधित धाराएं जोड़ने की मांग'
इस बीच, सत्तारूढ़ भाजपा के पूर्व विधायक और इसकी राज्य इकाई के उपाध्यक्ष नागरसिंह चौहान ने आरोपी पुलिसकर्मियों की तत्काल गिरफ्तारी और एफआईआर में चोरी के बजाय लूट से संबंधित धाराएं जोड़ने की मांग की। उन्होंने सोने के सिक्के आदिवासी परिवार को सौंपने की भी मांग की।

'... कानूनी राय लेंगे'
एसपी ने कहा कि पुलिस द्वारा सोने के सिक्के बरामद करने के बाद उन्हें आदिवासी परिवार को सौंपने के मुद्दे पर वे कानूनी राय लेंगे और उसके अनुसार मामले में कार्रवाई करेंगे। एसपी ने पहले बताया कि निलंबित पुलिसकर्मियों में सोंडवा पुलिस स्टेशन प्रभारी विजय देवड़ा और तीन कांस्टेबल हैं, जिनकी पहचान राकेश, सुरेंद्र और विजेंद्र के रूप में की गई है। FIR में कांस्टेबल राकेश और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों का नाम लिया गया है। एसपी ने भी इस बात की पुष्टि की कि आरोपी के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर लिया गया है। 

'एक मुखबिर ने दी थी चारों पुलिसवालों की सूचना'
यह पूछे जाने पर कि जब देवड़ा और सुरेंद्र तथा विजेंद्र का नाम एफआईआर में नहीं था तो उन्हें निलंबित क्यों किया गया, सिंह ने कहा कि यह 'उचित पुष्टि' पर किया गया है। सिंह ने कहा, "इसके अलावा, हम चाहते हैं कि चल रही जांच निष्पक्ष हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई इसे प्रभावित न करे।" उन्होंने कहा कि शंभू सिंह (52) नाम के एक आदिवासी ने 20 जुलाई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि सोंडवा पुलिस स्टेशन के चार पुलिसकर्मी जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर बैजदा गांव में उनके घर आए थे। 

एसपी ने शिकायत के हवाले से बताया कि आरोपी ने 19 जुलाई को उसकी पत्नी रामकुबाई (51) की पिटाई की और उनके घर में गड़े 240 सोने के सिक्के ले लिए। एक अधिकारी ने कहा, एक मुखबिर ने चारों पुलिसकर्मियों को सोने के सिक्कों के बारे में सूचना दी। 21 जुलाई को शिकायतकर्ता के परिवार ने अपने पूरे बयान में इंस्पेक्टर समेत तीन अन्य पुलिसकर्मियों का नाम लिया। एसपी ने बताया कि 20 जुलाई को उन्होंने राकेश का नाम लिया था, जिस पर एफआईआर दर्ज की गई थी।

'मजदूरी करते समय मिले थे सिक्के'
आदिवासी परिवार को सिक्के कैसे मिले, इस बारे में उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता के दावे के मुताबिक, गुजरात में मजदूर के रूप में काम करने के दौरान उन्हें संपत्ति मिली। वापस लौटने पर उन्होंने सिक्कों को अपने घर के किसी स्थान पर जमीन के नीचे छिपा दिया। शिकायत मिलने पर, अलीराजपुर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) श्रद्धा सोनकर ने मामले की जांच की जिसके बाद चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और प्राथमिकी दर्ज की गई।

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement