Friday, March 29, 2024
Advertisement

हत्या की सजा काट रहा MBBS छात्र बरी, पुलिस को फटकार, 42 लाख रुपये मुआवजा भी देना होगा

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यक्ति की दोषसिद्धि और कैद ने उसके पूरे जीवन को ‘अस्त-व्यस्त’ कर दिया।

Vineet Kumar Singh Edited by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: May 06, 2022 16:39 IST
MBBS student, MBBS student Murder, MBBS student Murder acquitted, MBBS Murder acquitted- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY Representational Image.

Highlights

  • मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महिला की कथित हत्या के मामले में एक MBBS छात्र की दोषसिद्धि को निरस्त कर दिया।
  • अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि उसने मामले की जांच ‘व्यक्ति को झूठे तरीके से फंसाने के एकमात्र उद्देश्य’ से की।
  • अदालत ने साथ ही राज्य सरकार से कहा कि वह संबंधित व्यक्ति को 42 लाख रुपये का मुआवजा दे।

MBBS student acquitted: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महिला की कथित हत्या के मामले में एक MBBS छात्र की दोषसिद्धि को निरस्त कर दिया। अदालत ने साथ ही पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि उसने मामले की जांच ‘व्यक्ति को झूठे तरीके से फंसाने के एकमात्र उद्देश्य’ से की। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि वह संबंधित व्यक्ति को 42 लाख रुपये का मुआवजा दे क्योंकि उसे ‘न्याय के इंतजार’ में अपने जीवन के 13 साल सलाखों के पीछे बिताने पड़े। अदालत ने कहा कि यह मामला ‘दुर्भावना और पूर्वाग्रह से प्रेरित जांच की घिनौनी’ कहानी कहता है।

2008 में गिरफ्तार हुए थे चंद्रेश मार्सकोले

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यक्ति की दोषसिद्धि और कैद ने उसके पूरे जीवन को ‘अस्त-व्यस्त’ कर दिया। आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले चंद्रेश मार्सकोले को कथित हत्या के सिलसिले में 2008 में गिरफ्तार किया गया था। उस समय वह भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में MBBS कर रहे थे और अंतिम वर्ष के छात्र थे। उन पर राज्य के पचमढ़ी में अपनी प्रेमिका की हत्या करने और उसके शव को ठिकाने लगाने का आरोप था। अब चंद्रेश की उम्र करीब 34 साल हो चुकी है।

‘दुर्भावना से प्रेरित मुकदमा चलाया गया’
जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस सुनीता यादव की पीठ ने बुधवार को हत्या के मामले में मार्सकोले की सजा को निरस्त कर दिया और निचली अदालत के 2009 के फैसले के खिलाफ उनकी अपील का निपटारा कर दिया। पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ता को तुरंत रिहा किया जाएगा। यह मामला दुर्भावना और पूर्वाग्रह की भावना से की गई जांच की एक घिनौनी गाथा का खुलासा करता है, जिसके बाद दुर्भावना से प्रेरित मुकदमा चलाया गया, जहां पुलिस ने मार्सकोले को गलत तरीके से फंसाने और शायद जानबूझकर अभियोजन पक्ष के गवाह (डॉ. हेमंत वर्मा) की रक्षा करने के एकमात्र उद्देश्य से मामले की जांच की, जो हो सकता है वास्तविक अपराधी हो।’

‘मार्सकोले को 42 लाख रुपये दे राज्य’
कोर्ट के आदेश में कहा गया है, ‘तथ्य यह है कि याचिकाकर्ता ने न्याय की प्रतीक्षा में 13 साल से अधिक समय बिताया है और इस मामले में हम मार्सकोले को 42 लाख रुपये का मुआवजा देते हैं, जिसका भुगतान राज्य आदेश की तारीख से 90 दिनों के भीतर करेगा। इसके बाद, भुगतान की तारीख तक नौ प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज लगेगा।’

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement