Saturday, May 04, 2024
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Hijab Controversy: मुंबई की मेयर ने साफ कहा- ‘किसी भी स्टूडेंट को हिजाब पहनकर आने की विशेष मंजूरी कभी नहीं देंगे’

मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने साफ कहा कि मुंबई में किसी भी स्टूडेंट को हिजाब या नकाब पहनकर आने की विशेष मंजूरी कभी नहीं दी जाएगी। मुंबई की मेयर ने कहा कि हर स्कूल के सिर्फ स्कूल यूनिफॉर्म को ही मंजूरी दी गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 12, 2022 13:45 IST
Kishori Pednekar- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Kishori Pednekar

Highlights

  • कर्नाटक में जो हो रहा है वो गलत है: किशोरी पेडनेकर
  • मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा-हर स्कूल के सिर्फ स्कूल यूनिफॉर्म को ही मंजूरी दी गई है

Hijab Controversy: मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने साफ कहा कि मुंबई में किसी भी स्टूडेंट को हिजाब या नकाब पहनकर आने की विशेष मंजूरी कभी नहीं दी जाएगी। मुंबई की मेयर ने कहा कि मुंबई में उर्दू से लेकर इंग्लिश, मराठी, गुजरतीं, दक्षिण भारतीय भाषाओं के साथ हिंदी मीडियम के स्कूल हैे और हर स्कूल के सिर्फ स्कूल यूनिफॉर्म को ही मंजूरी दी गई है किसी ऑर ड्रेस कोड को नहीं। उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में जो हो रहा है वो गलत है। मुंबई, महाराष्ट्र में कोई ऐसी मंजूरी नहीं मांगेगा, लेकिन अगर मांगा तो जैसा आदित्य ठाकरे ने कहा है कि कोई मंजूरी नहीं मिलेगी।

गौरतलब है कि कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद देशभर में तूल पकड़ने लगा है। देश के कई शहरों में हिजाब पर बैन के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। महाराष्ट्र में मालेगांव के स्टेडियम में जमीयत उलेमा ने मुस्लिम महिलाओं का एक बहुत बड़ा सम्मेलन किया था, जिसमें महिलाओं से खुलकर हिजाब पहनने की अपील की गई। मालेगांव के कल्लू स्टेडियम में भीड़ बिना किसी इजाजत के जमा हुई थी। इसके बाद इस सिलसिले में जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है उसमें AIMIM के स्थानीय विधायक मौलाना मुफ्ती इस्माइल का भी नाम शामिल रहा। बता दें कि मालेगांव की महापौर ताहिरा शेख ने मालेगांव में 8 करोड़ की लागत से बनाए गए उर्दू घर को कर्नाटक की मुस्कान खान के नाम पर रखने का ऐलान किया था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर एक अपील पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था और संबंधित पक्षों को विवाद को बड़े स्तर पर न फैलाने की सलाह दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगा और कर्नाटक हाईकोर्ट के उस निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ‘उचित समय’ पर विचार करेगा, जिसमें विद्यार्थियों से शैक्षणिक संस्थानों में किसी प्रकार के धार्मिक कपड़े नहीं पहनने के लिए कहा गया है। न्यायालय ने इस मुद्दे को ‘राष्ट्रीय स्तर पर नहीं फैलने’ पर भी जोर दिया।

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