नासिकः नासिक जिला न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे को साल 1995 में जालसाजी और धोखाधड़ी के एक मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई। माणिकराव कोकाटे के खिलाफ यह मामला पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने दर्ज कराया था, जिन्होंने उन पर दस्तावेजों में जालसाजी करने और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। आरोपों के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग) और 47 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
हाई कोर्ट में अपील करेंगे माणिकराव कोकाटे
नासिक जिला न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट के नेता माणिकराव कोकाटे पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जानकारी के अनुसार, अपनी विधायकी और मंत्री पद बचाने के लिए माणिकराव कोकाटे आज ही हाई कोर्ट में नासिक जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे। अगर हाई कोर्ट से सजा पर रोक लग जाएगी तो उनकी विधायकी और मंत्री पद बच सकता है वरना उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
क्या है पूरा मामला
यह मामला 1995 से 1997 के बीच का है। माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे ने सरकार से मिलने वाली आवासीय योजनाओं के तहत फ्लैट प्राप्त किए थे। उन्होंने दावा किया था कि उनकी आय कम है और उनके पास पहले से कोई घर नहीं है। इसी आधार पर उन्हें ये फ्लैट सरकार की योजना के तहत मिले थे। लेकिन बाद में अधिकारियों ने इस मामले में अनियमितताओं की शिकायत की थी।
1995 में दस्तावेजों में हेराफेरी और धोखाधड़ी का आरोप माणिकराव कोकाटे पर लगाया गया था। पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोळे ने इस मामले में याचिका दायर की थी। यह अपराध नासिक के सरकार वाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। यह मामला 1997 से अदालत में चल रहा था और अब इसका फैसला आ चुका है।
मामले में चार लोगों को बनाया गया था आरोपी
इस केस में कुल चार आरोपी थे, जिनमें माणिकराव कोकाटे, उनके भाई और दो अन्य लोग शामिल थे। हालांकि, कोर्ट ने बाकी दो आरोपियों को किसी भी तरह की सजा नहीं दी है। लेकिन माणिकराव कोकाटे और उनके भाई को दो साल की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।


