मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के पीड़ितों के परिजनों को एक हफ्ते में मुआवजा देने का भी वादा किया है। मनोज जरांगे ने हाई कोर्ट को भरोसा दिया कि उनके अधिकांश समर्थक या तो मुंबई छोड़ चुके हैं या मंगलवार को छोड़ देंगे। बता दें कि मंत्रियों से मुलाकात के बाद मनोज जरांगे समर्थकों को संबोधित कर रहे थे।
जरांगे ने कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन के पीड़ितों के परिवारों को 15 करोड़ रुपये देने का फैसला किया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य परिवहन बोर्ड में नौकरियां दी जाएंगी, अब इसमें बदलाव होना चाहिए। अगर बच्चे की पढ़ाई ज्यादा है तो सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। इससे पहले मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे को नोटिस जारी किया और आजाद मैदान को तुरंत खाली करने को कहा था। अब मुंबई पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आजाद मैदान से लोगों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
क्यों हटने को कहा गया?
जानकारी के मुताबिक, मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल को जिन शर्तों के आधार पर आंदोलन के लिए इजाजत दी गई थी उनका उल्लंघन करने की वजह से मुंबई पुलिस ने नोटिस देते हुए तुरंत आजाद मैदान खाली करने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं। उनका अनशन पांचवें दिन भी जारी है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के कड़े निर्देश
बॉम्बे हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने मराठा आंदोलन पर सख्त रुख अपनाते हुए सरकार और प्रदर्शनकारियों को सड़कें खाली करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने आजाद मैदान छोड़कर सीएसएमटी, मरीन ड्राइव और कोर्ट परिसर को अवरुद्ध कर मुंबई को ठप कर दिया है। सरकार के वकील सतीश मानशिंदे से कोर्ट ने पूछा कि अब तक क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने 3 बजे तक सड़कें खाली करने और स्थिति सामान्य करने का निर्देश दिया, वरना कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
मुंबई तभी छोड़ूंगा जब...
मनोज जरांगे पाटिल मराठा समुदाय को को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। जरांगे ने साफ तौर पर कहा है कि वह मुंबई तभी छोड़ेंगे, जब मराठों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी के तहत आरक्षण मिल जाएगा।
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