NCP-SP के प्रमुख शरद पवार ने अपने अलग हुए भतीजे अजित पवार पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा कि कुछ लोग बीजेपी के साथ गठबंधन कर अवसरवादी राजनीति में लिप्त हैं, जिसे बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने यह बयान ऐसे समय दिया है जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दोनों गुटों के फिर से एक होने की अटकलें तेज हो गई हैं।
"उन लोगों को साथ लेने के लिए तैयार हैं, जो..."
पिंपरी चिंचवाड़ में एनसीपी-एसपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने जोर देकर कहा कि वह उन लोगों को साथ लेने के लिए तैयार हैं जो महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, ज्योतिराव फुले और डॉ. बी.आर. आंबेडकर की विचारधारा को मानते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी के साथ सत्ता के लिए गठबंधन करना कांग्रेस की विचारधारा के अनुरूप नहीं है, और ऐसी अवसरवाद की राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।
शरद पवार और अजित पवार के साथ आने की अटकलें तेज
हाल के दिनों में शरद पवार और अजित पवार के बीच कई मौकों पर हुई मुलाकातों से NCP-SP के अजित पवार की पार्टी NCP के साथ संभावित विलय की अटकलों को की चर्चा है। हालांकि, शरद पवार के इस ताजा बयान से स्पष्ट संकेत मिलता है कि वे वैचारिक मतभेदों पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं।
किन विचारधारा वाले लोगों को साथ लाना चाहते हैं पवार?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने आगे कहा, "यहां किसी ने अभी-अभी सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत का जिक्र किया है। सभी को साथ लेकर चलने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन सभी कौन हैं? मैं उन लोगों को साथ लेकर चलने को तैयार हूं, जो गांधी-नेहरू, फुले और आंबेडकर की विचारधारा को मानते हैं।"
उन्होंने कहा कि कुछ लोग पार्टी (उनके द्वारा स्थापित एनसीपी) छोड़ चुके हैं और नए लोग शामिल हो रहे हैं। कद्दावर राजनीतिक नेता ने कहा, “सभी का मतलब उन लोगों से था जो गांधी, नेहरू, ज्योतिबा फुले और बी आर आंबेडकर की विचारधारा को मानते हैं। अगर वे इस विचारधारा को मानते हैं और उसका पालन करते हैं तो मैं उन्हें स्वीकार कर सकता हूं।”
"बीजेपी के साथ जाना कांग्रेस की विचारधारा के अनुरूप नहीं"
शरद पवार ने कहा, "हालांकि, अगर कोई सत्ता के लिए बीजेपी के साथ जा रहा है, तो यह कांग्रेस की विचारधारा नहीं है। कोई किसी के साथ भी गठबंधन कर सकता है, लेकिन बीजेपी के साथ जाना कांग्रेस की विचारधारा के अनुरूप नहीं हो सकता।"
"पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की चिंता करना छोड़ दें"
शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की चिंता करना छोड़ दें और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कमर कस लें। उन्होंने कहा, "मैंने अपने करियर में कई बार ऐसे घटनाक्रम देखे हैं।" पवार ने आम लोगों की राजनीतिक समझ पर भरोसा जताया और जोर देकर कहा कि भारत में लोकतंत्र आम आदमी की सामूहिक अंतरात्मा के कारण बरकरार है, न कि राजनीतिक नेताओं के कारण।
कब विभाजित हुई एनसीपी?
गौरतलब है कि साल 1999 में शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जुलाई 2023 में विभाजित हो गई थी, जब अजित पवार कई अन्य पार्टी नेताओं के साथ महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, और एनसीपी के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी। निर्वाचन आयोग ने अजित के नेतृत्व वाले समूह को मूल NCP के रूप में मान्यता दी और उन्हें पार्टी का मूल चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ अपने पास रखने की अनुमति दी। इसके बाद के चुनावी मुकाबलों में NCP-SP को शुरू में 2024 के लोकसभा चुनावों में बढ़त मिली थी, लेकिन इसके कुछ महीनों बाद महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में उसे झटका लगा था। (इनपुट- भाषा)
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