
सिबिल स्कोर यानी CIBIL एक अहम फाइनेंशियल मीट्रिक है जो आपकी क्रेडिट योग्यता को बताता है। तीन अंकों में दर्शाए जाने वाले सिबिल स्कोर का इस्तेमाल बैंक आपके क्रेडिट हिस्ट्री और रिस्क प्रोफाइल का आकलन करने के लिए करते हैं। अगर आप रेगुलर तौर पर अपने सिबिल स्कोर की पड़ताल करने से आपको एक स्वस्थ क्रेडिट प्रोफाइल बनाए रखने और वित्तीय फैसले लेने में मदद मिल सकती है। किसी के सिबिल स्कोर का 300 से 900 अंकों के बीच किया जाता है। बैंक इसी के आधार पर कर्ज देने का फैसला करते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर किस रेंज के सिबिल का क्या मतलब होता है।
सिबिल स्कोर के रेंज और उनका मतलब
300-680
अगर आपका सिबिल 300-680 के बीच में है तो यह सबसे कम रेंज माना जाता है। इस रेंज में स्कोर क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान या लोन की मासिक किस्त में देरी का इतिहास दर्शाता है। इस रेंज में व्यक्तियों के डिफॉल्टर बनने का रिस्क ज्यादा होता है।
681-730
सिबिल स्कोर का यह रेंज आपकी तरफ से बकाया पेमेंट की डेडलाइन को पूरा करने में संघर्ष का संकेत देती है। बजाज फाइनेंस के मुताबिक, हालांकि यह निचली रेंज जितनी अहम नहीं है, लेकिन यह समय पर रीपेमेंट में चुनौती को दर्शाती है।
731-770
अगर आपका सिबिल स्कोर 731-770 के भीतर है तो यह अच्छे क्रेडिट व्यवहार के संकेत देता है। इससे क्रेडिट कार्ड या लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ जाती है। बावजूद आपको इस स्कोर पर सबसे सस्ती दर पर लोन या अन्य ब्याज दरें हासिल करने में आसानी नहीं होगी। आपके सामने इसकी चुनौती होगी।
771-790
अगर आपका सिबिल स्कोर 771 से ज्यादा है तो इसे बहुत अच्छा माना जाता है, जो लगातार और समय पर पेमेंट हिस्ट्री का संकेतक होता है। इस रेंज में आपके डिफॉल्ट होने का जोखिम सबसे कम होता है।
791-900
सबसे खास बात यह है कि अगर सिबिल स्कोर 791 से ऊपर है तो इसे बेहतरीन माना जाता है। इस रेंज में सिबिल या क्रेडिट स्कोर होने पर आपको शुरुआती ब्याज दर पर लोन या बेहतर क्रेडिट कार्ड मिल सकते हैं। बैंक ऐसे हाई क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्तियों के लोन एप्लीकेशन को आसानी से अप्रूव करते हैं। हालांकि आखिरी फैसला बैंक का होता है।