Reliance Capital: रिलायंस कैपिटल भारतीय शेयर बाजार से डिलिस्ट होने जा रही है। इस कंपनी को दिवाला प्रक्रिया में हिंदुजा ग्रुप की ओर से खरीदा जाएगा।
Anil Ambani की कंपनी रिलायंस कैपिटल बिकने जा रही है। इसे खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप फंड जुटा रहा है।
Reliance Power Share: रिलांयस पावर के शेयर में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। शेयर आज 19 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ है।
पहले दौर की नीलामी में आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी लेकिन बाद में उसे संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये कर दिया था। कर्जदाताओं ने उम्मीद के अनुरूप बोली नहीं मिलने पर दूसरे दौर की नीलामी करने का फैसला किया था जिसे राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने उचित ठहराया।
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी की कुल आय चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में घटकर 1,958.72 करोड़ रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2,144.97 करोड़ थी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अप्रैल, 2021 में मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, नीता अंबानी, टीना अंबानी और कुछ अन्य लोगों पर कुल 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
अनिल अंबानी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में अपना बयान दर्ज कराया था।
तिमाही के दौरान रिलायंस कैपिटल का कुल खर्च भी 8,982 करोड़ रुपये से घटकर 5,949 करोड़ रुपये रह गया।
उच्च न्यायालय ने सितंबर, 2022 में कारण बताओ नोटिस पर लंबित सुनवाई पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के समाधान के मामले में ऋणदाताओं की नीलामी की एक और दौर की याचिका को स्वीकार कर लिया है।
एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) की मुंबई पीठ ने दो फरवरी को कहा था कि वित्तीय बोलियों के लिए चुनौती व्यवस्था 21 दिसंबर, 2022 को खत्म हो गई है, जिसमें 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स की थी।
सूत्रों ने कहा कि नीलामी के पहले दौर में हिंदुजा और टॉरेंट दोनों समूहों ने नीलामी खत्म होने के बाद भी अपनी बोलियों को लगातार बढ़ाया है।
शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ‘‘आरआईटीएल की मौजूदा चुकता इक्विटी शेयर पूंजी को रद्द कर दिया गया है।
लेनदारों की समिति (सीओसी) ने पहले दौर की नीलामी के लिए 6,500 करोड़ रुपये की फ्लोर वैल्यू तय की थी।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में कार्यरत रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को पिछले साल नवंबर में रिजर्व बैंक ने बर्खास्त करते हुए नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त कर दिया था।
कंपनी ने बीएसई को दी गई सूचना में कहा कि संपत्ति के मौद्रीकरण प्रस्ताव को सिर्फ 72.02 प्रतिशत शेयरधारकों का ही समर्थन मिला।
आर इंफ्रा की इकाई डीएएमईपीएल को डीएमआरसी से कुल 7100 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे, इस धन का उपयोग आर इंफ्रा के ऋण को चुकाने में किया जाएगा और कंपनी पूरी तरह से ऋण मुक्त बन जाएगी।
यह मामला रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डीएमआरसी के बीच बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर आधार पर दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस के लिए 2008 में हुए एक समझौते से जुड़ा है।
रिलायंस इंफ्राटेल पर कुल 4339.58 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जबकि सफल समाधान आवेदक ने 3720 करोड़ रुपये की योजना पेश की है।
रिलायंस पावर ने कहा कि महामारी के बावजूद उसने अपने कर्ज में 1031 करोड़ रुपये की कमी की है और वह वित्त वर्ष 2021-22 में अपने कुल कर्ज में 3200 करोड़ रुपये की कमी लाएगी।
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