श्रम मंत्रालय 2018-19 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को जल्द अधिसूचित करेगा। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को इस ब्याज दर पर किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है।
ईपीएफओ कर्मचारी डेटाबेस के माध्यम से सत्यापन की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रहा है।
देश में जून महीने में 12.19 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, इससे पिछले महीने की तुलना में जून में रोजगार में कमी आई है। मई में 12.88 लाख नए रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ था।
वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज देने के बाद भी ईपीएफओ के पास 3,150 करोड़ रुपए का सरप्लस शेष बचेगा।
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बैठक के बाद बताया कि ईपीएफओ ने ईपीएफ सदस्यों के 91 प्रतिशत दावों को ऑनलाइन मोड से निपटाया है।
सूत्र ने आगे बताया कि सीबीटी ने डीएचएफएल के बांड में करीब 700 करोड़ रुपए के निवेश को समय से पहले भुनाने का निर्णय किया है।
नौकरी करने वालों के लिए ये खबर बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले सप्ताह अपने फंड मैनेजर को बदलने पर विचार कर रही है। ईपीएफओ इसको लेकर अगले सप्ताह न्यासियों की बैठक में कोष प्रबंधकों के रूप में एचएसबीसी एएमसी, यूटीआई एएमसी और एसबीआई म्यूचुअल फंड को नियुक्त कर सकता है।
इस साल अप्रैल में 10.88 लाख रोजगार सृजित हुए। यह पिछले साल इसी महीने में हुये 10.77 लाख रोजगार सृजन के मुकाबले थोड़ा अधिक है।
कर्मचारी जब चाहे तब पैसा निकाल सकता है लेकिन आपको पता होना चाहिए कि अगर आप अपना पीएफ निकालना चाहते हैं तो आपको इस पर टैक्स भी देना पड़ सकता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, संगठित या औपचारिक क्षेत्र में मार्च 2019 में शुद्ध रूप से 8.14 लाख नौकरियों का सृजन हुआ।
2017-18 में ईपीएफ पर ब्याज की दर 8.55 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने 2016-17 में ब्याज दर को घटाकर 8.65 प्रतिशत किया था जो कि 2015-16 में 8.8 प्रतिशत थी।
जनवरी महीने में जो नए रोजगार सृजित हुए वह एक साल पहले इसी महीने की तुलना में 131 प्रतिशत अधिक है।
गुरुवार को ईपीएफओ के न्यासियों की बैठक में ब्याज दर बढ़ाने का फैसला लिया गया। वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफओ ने 8.55 प्रतिशत ब्याज का भुगतान किया था।
आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से सितंबर, 2017 से दिसंबर, 2018 के दौरान 72.32 लाख नए अंशधारक जुड़े।
हालांकि सूत्र ने इस अटकल को भी पूरी तरह खारिज नहीं किया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से अधिक हो सकती है।
कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) नये साल में अपने अंशधारकों को अपने कोष से शेयर बाजार में किए जाने वाले निवेशको बढ़ाने या घटाने का विकल्प दे सकता है।
इस साल सितंबर में पिछले साल के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा 9.73 लाख लोगों को रोजगार दिया गया।
यदि आप एक वर्किंग प्रोफेशनल हैं तो आपने जरूर पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) और एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) के बारे में सुना होगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समूह ने शेयरों में पांच से दस साल की लंबी अवधि के लिए निवेश का सुझाव दिया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा तैयार किया गया नया पेरोल डाटा से पता चलता है कि इस साल जुलाई में फॉर्मल सेक्टर में लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार हासिल हुआ है।
लेटेस्ट न्यूज़