सरकार ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी पात्र किसानों को इस प्रमुख कार्यक्रम का लाभ मिले।
कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) को नामित फीस के भुगतान पर PM-KISAN योजना के लिए किसानों का पंजीकरण करने के लिए अधिकृत किया गया है।
केंद्र ने चालू खरीफ विपणन सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लगभग 1.23 लाख करोड़ रुपये का 651.07 लाख टन धान की खरीद की है जो पिछले सत्र में इसी दौरान की खरीद से करीब 16 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने बताया कि 2020-21 में देशभर में 43.46 लाख किसानों को गेहूं के एमएसपी के तौर पर 75,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि धान के एमएसपी के तौर पर 1.54 करोड़ किसानों को 1.72 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया
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कृषि से जुड़ी चीजों पर कर (Tax) में समानता लाने के प्रयासों के तहत, रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग ने कीटनाशकों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने के लिए वित्त मंत्रालय से संपर्क किया है।
आंकड़ों के मुताबिक पीएम किसान योजना में ऐसे करीब 33 लाख किसानों को 23 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा जारी किए गए हैं, जो इस योजना के तय दायरे में आते ही नहीं थे। जिसके बाद नियमों में बदलाव किया गया।
पीएम मोदी ने देश को FDI यानी फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट की नई परिभाषा बताई, जो किसान आंदोलन के संदर्भ में निकल कर सामने आई है।
कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के साथ करीब 600 किसान जुड़े हुए हैं। साथ ही, ऐप के माध्यम से इसने 22,000 से अधिक ग्राहकों को भी जोड़ रखा है जो कि मुंबई और पुणे से हैं। ट्रेड में कोई बिचौलिया न होने से किसानो को मंडियों के मुकाबले ज्यादा दाम मिल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार लोगों के फायदे के लिए विधेयक लाती हैं। ये कृषि कानून भी करोड़ किसानों, खासतौर से देश के छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लागू किए गए और देशभर के किसानों ने इन कानूनों का समर्थन किया है।
डीएमके के इसी वादे को करारा जबाव देने के लिए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने आज किसानों का ऋण माफ करने की घोषणा की है।
केंद्र कृषि कानूनों के विरोध के बीच देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पंजाब के कृषि कानूनों को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
सरकार अधिक संख्या में पशुपालकों तथा डेयरी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्ध कराने के लिए कदम उठा रही है।
सरकार ने किसानों को लाभ देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। इससे अबतक 1.69 करोड़ किसान पंजीकृत हैं तथा अगले वित्त वर्ष तक 1,000 और मंडियों को डिजिटल मंच से जोड़ दिया जाएगा।
तीन कृषि कानूनों के मामले के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से किसानों को निश्चित तोर पर लाभ होने वाला है।
अगर कर्जदार अपनी बकाया राशि का 20 प्रतिशत पुनर्गठन के समय देता है तो उस पर दंडस्वरूप जो भी बकाया ब्याज है, उसे माफ कर दिया जाएगा।
तोमर ने लोकसभा में बताया कि सरकार किसान संगठनों के साथ अभी भी बातचीत जारी रखे हुए है।
इसके लिए सरकार ने 16.5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने कृषि ऋण के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।
किसान आंदोलन के हंगामे के बीच शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया और इसके साथ शुरू हो गईं देश की जनता की उम्मीदें। कोरोना काल के बाद आ रहे इस बजट में क्या होगा राहत मिलेगी या खर्चा बढ़ेगा इस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं
बहुत से किसानों को ये नहीं मालूम कि अगर उनके परिवार में कोई आयकर दाता है, तो इस योजना का लाभ उसे नहीं मिलेगा।
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