CSO चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के जीडीपी अनुमान कल जारी करेगा। दिसंबर तिमाही के इन आंकड़ों में नोटबंदी का प्रभाव सामने आने की उम्मीद है।
भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। नोटबंदी के कारण कुछ समय की नरमी के बावजूद वह वैश्विक परिदृश्य में एक आकर्षक चमकता स्थान बनी रहेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक 2000 रुपए के नए नोट पर RBI गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर हैं लेकिन इन नोटों की छपाई का काम तभी शुरू हो गया था जब राजन गवर्नर पद पर थे।
आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार धीमी पड़ने से इस बार जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि कम रहकर 5.7 प्रतिशत रह सकती है।
सरकार ने आज वित्त वर्ष 2015-16 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को संशोधित कर 7.9 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
जापान की फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी से भारत की इकॉनमी, इन्वेस्टमेंट, कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ और शेयर बाजार पर ज्यादा असर नहीं होगा।
नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की जीडीपी वृद्धि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में करीब 6 प्रतिशत रह सकती है, नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया है।
दुनिया के सीईओ मानते हैं कि अगले 12 माह के दौरान यदि सकल वृद्धि की बात की जाए तो भारत शीर्ष 6 देशों में शामिल है। पिछले साल भारत शीर्ष 5 देशों में शामिल था।
आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
जीडीपी वृद्धि दर में चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में दो प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसका कारण प्रभावी मुद्रा में उल्लेखनीय रूप से कमी आना है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर अवधि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर वसूली में अच्छी वृद्धि हुई है।
देश की GDP वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमानाों के बीच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
SBI रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की बात कही है। सीएसओ ने जीडीपी ग्रोथ का अग्रिम अनुमान 7.1 प्रतिशत जताया है
मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए की जानी चाहिए। साथ ही बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए।
आरबीआई ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी में अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने की क्षमता है। इसकी वजह से कुछ असुविधा और वृद्धि दर पर क्षणिक विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
भारत की नोटबंदी से नेपाल की इकोनॉमी की रफ्तार कम हो गई है और व्यापार को जबरदस्त झटका लगा है। रेटिंग एजेंसी बीएमआई रिसर्च ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी।
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने से छोटी अवधि में अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए 2000 रुपए तक के क्रेडिट और डेबिट लेनदेन पर सेवाकर (सर्विस टैक्स) माफ किया जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से लोगों को हो रही तकलीफ खेदजनक है पर यह थोड़े समय की है। इससे लंबे समय में ग्रोथ को बल मिलेगा।
नोटबंदी के कदम से देश में काले धन के पैदा होने पर खास असर नहीं पड़ेगा। भारत जैसे बड़े मुल्क को कैशलेस सोसाइटी बनने में कम से कम पांच साल लगेंगे: एसोचैम
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