सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2021 से लेकर लगातार 12वें महीने में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दो अंकों में बनी हुई है।
फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं। अधिकांश खाद्य वस्तुओं के लिए आठ प्रतिशत जीएसटी पर सहमति बनने की उम्मीद है।
महंगाई तेजी से बढ़ने के कारण खुदरा महंगाई 7 फीसदी के करीब पहुंच गई है। इसके चलते कम आय वाले लोगों को घर का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बाजार में सब्जी बेचने वाली कामिनी पटेल का कहना है कि लोग महंगी सब्जियां खरीदने से कतरा रहे हैं। इसके चलते बिक्री घटी है। मैं पहले रोजाना 1500 रुपये तक कमा लेती थी लेकिन अब 1000 रुपये से भी नीचे आ गई है।
आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक पॉलिसी की घोषणा करते हुए कहा है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। पहले इसके 4.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान था।
सच कहें तो महंगाई डायन ही आम इंसान की सच्ची सहेली है, जो कभी भी उसका साथ नहीं छोड़ती। बीते महीने चुनाव के बाद से इसकी जकड़ मजबूत होती जा रही है।
कोरोना महामारी के चलते आम लोगों की आय घटी और महंगाई है। एक सर्वे के अनुसार, बीते दो सालों में प्रति व्यक्ति आय पांच हजार तक घटी। वहीं, रहना,खाना से लेकर घूमना महंगा हो गया है।
मिर्च के भाव एक माह पहले 40 से 50 रुपये से बढ़कर अब 150 से 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।
हालत यह है कि मार्च, 2021 के मुकाबले इस साल मार्च तक सभी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में जोरदार तेजी दर्ज की गई है।
पारले प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा, हम उद्योग द्वारा कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
आंकड़ों के अनुसार, फरवरी, 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति कम होकर 8.19 फीसदी पर आ गई जो जनवरी में 10.33 प्रतिशत थी।
पांच राज्यों में चुनाव के चलते देश में 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, ब्रेंट क्रूड इस दौरान 81 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 130 डॉलर के पार पहुंच गया है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि बीते दो महीनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम बढ़ने से सरकारी स्वामित्व वाले खुदरा तेल विक्रेताओं को लागत वसूली के लिए 16 मार्च 2022 या उससे पहले ईंधन के दामों में 12.1 प्रति लीटर की वृद्धि करनी होगी।
तुर्की में मुद्रास्फीति 54.44 प्रतिशत पर पहुंच गई है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। तुर्की में मुद्रास्फीति की यह दर सितंबर, 2002 के बाद सबसे अधिक है।
यूरो मुद्रा के चलन वाले 19 देशों में उपभोक्ता मूल्य में फरवरी में सालाना आधार पर 5.8 फीसदी की वृद्धि हुई है।
खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने के बावजूद जनवरी, 2022 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति घटकर 12.96 प्रतिशत पर आ गई। सरकारी आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी मिली है।
अमेरिका में महंगाई विशेषज्ञों को भी चौंका रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इंफ्लेशन का टार्गेट 2 फीसदी रखा है।
इंडिया टीवी के साथ बजट पर Exclusive बातचीत करते हुए नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने कहा कि बजट में सबसे ज्यादा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहा है। महंगाई आउट ऑफ कंट्रोल नहीं है।
चौतरफा महंगाई आप पर आक्रमण करने को तैयार है। आने वाले समय में सभी उपभोक्ता वस्तुओं पर कम से कम 3-5 प्रतिशत की महंगाई की मार पड़ने वाली है।
हम खुदरा बाजार से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम करता है खुदरा महंगाई (सीपीआई)। इसी को हिंदी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक कहते हैं।
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