एसबीआई की तरफ से की गई 3 करोड़ रुपये से कम की खुदरा घरेलू सावधि जमाओं (एफडी) पर ब्याज दरों में कटौती आम जनता और वरिष्ठ नागरिकों दोनों पर लागू है।
बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में की गई 0.25% की कटौती का फायदा अपने ग्राहकों तक पहुंचाने का ऐलान किया है। इससे कई तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य और खाद्य मुद्रास्फीति में भी फरवरी में भारी गिरावट देखी गई, जो एक महीने पहले 4. 59 प्रतिशत से घटकर 3. 79 प्रतिशत हो गई।
अर्थशास्त्रीने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत के लिए विकास के दृष्टिकोण से वैश्विक बाजार कम प्रासंगिक हो गया है, और कहा कि वैश्विक घटनाएं विपरीत हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था उनके बीच लचीली हो सकती है।
एक्सपर्ट का कहना है कि यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आरबीआई वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि के लिए कोई पूर्वानुमान जारी करेगा, हालांकि आमतौर पर इसे अप्रैल की नीति में प्रकाशित किया जाता है।
फेड रिजर्व ने कहा कि जॉब मार्केट मजबूत है। बेरोजगारी दर हाल के महीने में निचले स्तर पर स्थिर हो गई है। फिर भी पिछले महीने भर्ती में तेजी आई और बेरोजगारी दर थोड़ी कम होकर 4.1% पर आ गई।
आरबीआई ने पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के तहत पिछली 11 नीति समीक्षाओं के लिए दरों को बरकरार रखा है और अब सभी की निगाहें फरवरी में उनके उत्तराधिकारी संजय मल्होत्रा के तहत पहली दर समीक्षा पर टिकी हैं।
भारतीय बाजारों के लिए, सबसे अनुकूल अवधि जुलाई 1990 से फरवरी 1994 तक फेड की ब्याज दर में कटौती का चक्र था। इस दौरान निफ्टी में 310 प्रतिशत की जबरदस्त उछाल देखी गई थी।
Rate Cut in US : पहले ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व मार्च से प्रमुख ब्याज दर में कटौती करना शुरू कर देगा। लेकिन अब ऐसे आसार नहीं लग रहे हैं। इकॉनोमी सुस्त नहीं हो रही है और महंगाई के संकेत देखने को मिल रहे हैं।
आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं होने के बाद IOB FD rates में बदलाव देखने को मिले हैं। 7 दिन से 3 महीने की एफडी पर ब्याज की दरें कम की गई है। 3 महीने से अधिक की एफडी पर ब्याज की दरें बढ़ाई गई है। IOB FD में निवेश कर 8% की ब्याज दर से रिटर्न ले सकते हैं।
इस बढ़ोतरी के बाद भारत में भी ब्याज दर में और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है। RBI की 3 नवंबर यानी आज से मौद्रिक समिति की विशेष बैठक हो रही है।
MPC की 3 से 5 अगस्त तक हुई बैठक में प्रमुख नीतिगत दर Repo Rate को 0.50% बढ़ाकर 5.40 % करने का फैसला किया गया था।
हम एक सामान्य परिस्थिति के मुताबिक 30 लाख और 50 लाख के लोन की गणना कर बताएंगे कि आप पर ब्याज दरों का बोझ कितना पड़ेगा।
Bajaj Finserv, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी, यस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी फेस्टिव सीजन में अपने होम लोन की दरों में कटौती कर चुके हैं।
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी बैंक, यस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक ने भी घर के कर्ज को सस्ता किया है। कटौती के बाद शुरुआती दरें 6.45 प्रतिशत से 6.70 प्रतिशत तक हैं।
RBI ने वित्त वर्ष 2020-21 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर में 9.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान दिया है। इसमें चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 9.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 0.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान रखा गया था। हालांकि दूसरी तिमाही के आंकड़े अनुमान से बेहतर रहे हैं।
यूको बैंक ने होम लोन पर ब्याज दरें 0.25 प्रतिशत घटा दी है। संशोधित दरें बुधवार से प्रभाव में आ गयी हैं। बैंक ने बयान में कहा कि संशोधित आवास ऋण पर ब्याज दर 6.90 प्रतिशत से शुरू होगी।
30 लाख रुपये से अधिक के आवास ऋण पर ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की गयी है। महिला आवेदकों को इस तरह के कर्ज पर ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इस तरह महिला आवेदकों को ब्याज कुल 0.15 प्रतिशत सस्ता पड़ेगा।
एमपीसी की बैठक इस माह की शुरुआत में सात से नौ अक्टूबर के दौरान हुई। समिति ने खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय लिया। मुद्रास्फीति जून से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। रिजर्व बैंक के लिए महंगाई दर की लक्ष्य सीमा 2 से 6 फीसदी है।
एक साल से 2 साल से कम की अवधि की एफडी पर ब्याज दरों में कटौती की है। ये कटौती 0.2 फीसदी की है। बाकी सभी मैच्योरिटी पीरियड के लिए दरों में बदलाव नही किया गया है।
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