बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कद्दावर नेता माने जाते हैं। वो चार बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं और पांचवीं बार महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री बने लेकिन बाद में यह गठबंधन टूट गया। जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया से लेकर एसएन सिन्हा और कर्पूरी ठाकुर जैसे दिग्गज नेताओं के साथ राजनीति सीखने वाले 64 वर्षीय नीतीश ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। हालांकि उन्होंने विधानसभा का पहला चुनाव 1977 में लड़ा था लेकिन पहली बार जीते 1985 में। वे छह बार लोकसभा के सदस्य भी रहे और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी। उनके कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की बहुत चर्चा होती रही है।
बिहार में जनसुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है। प्रशांत ने कहा है कि नीतीश एक बार फिर पलटी मारेंगे, लिखकर रख लो।
आज एक बार फिर से नीतीश कुमार पाला बदलकर बीजेपी के साथ बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं। इसी को लेकर पश्चिम बंगाल बीजेपी के सांसद दिलीप घोष ने नीतीश पर तीखा हमला बोला है।
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि अभी खेला बाकी है। उन्होंने कहा कि इस साल ही नीतीश कुमार की जेडीयू पार्टी खत्म हो जाएगी और इनका नाम लेने वाला तक बिहार में कोई नहीं होगा।
नीतीश कुमार एक बार फिर से महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में शामिल हो गए हैं। उनके इस फैसले के बाद राजधानी पटना की सड़कें पोस्टरों से भर गई हैं। जिसमें बीजेपी और जेडीयू दोनों दलों के पोस्टर शामिल हैं।
कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रियाओं पर JDU नेता केसी त्यागी ने पलटवार किया है। उन्होंने जयराम रमेश और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिक्रिया का जिक्र किया।
लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने केवल PM मोदी की वजह से समर्थन किया है। अगर नीतीश कुमार की नीति अभी भी राज्य में रहेगी तो उनका विरोध था और आगे भी रहेगा।
बिहार में नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ चल रही सरकार से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद से लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और बेटे तेज प्रताप यादव सहित तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है। आप भी देखें किसने क्या कहा-
बिहार में नीतीश कुमार ने लालू की पार्टी आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया है। इसके बाद एक बार फिर बिहार में जेडीयू-भाजपा सरकार बन गई है। एनडीए सरकार में बिहार भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया है।
नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है। नीतीश के इस कदम से आरजेडी के हाथ से सत्ता फिसल गई है।
आरजेडी के साथ गठबंधन समाप्त करते हुए नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही बीजेपी के साथ नई सरकार के गठन का भी ऐलान कर दिया गया। बिहार की इस नई सरकार में एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फार्मूला अपनाया गया है।
बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है। नीतीश के इस कदम से आरजेडी के हाथ से सत्ता फिसल गई है।
नौवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली नीतीश कुमार ने और सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है। बिहार में भी अब एनडीए गठबंधन की सरकार बन गई है।
बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शनिवार शाम को पटना में बैठक हुई। इस बैठक में ताजा हालातों को लेकर चर्चा हुई। इसके साथ इस बैठक में तय हुआ है कि पहली चाल नीतीश कुमार को ही चलनी पड़ेगी। उसके बाद ही पार्टी अपने पत्ते खोलेगी।
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि नीतीश कुमार अगर एनडीए में आते हैं तो उनका स्वागत है। प्रधानमंत्री मोदी भी उनके प्रति अच्छे भाव रखते हैं, वे पहले भी एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं।
जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बिहार विधानसभा में चार सदस्य हैं। पार्टी प्रमुख ने राजनीतिक उठापटक के बीच अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
राजनीति बड़ी निष्ठुर होती है। ज़रूरत के हिसाब से बदलने को विवश कर देती है। लेकिन बिहार में जो बदलाव होगा, उसकी गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ेगी। सबसे बड़ा कुठाराघात राहुल गांधी के सपनों पर होगा। INDI अलायन्स का अब कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
बीजेपी भी अभी तक सार्वजनिक रूप से वेट एंड वाच वाली स्थिति में है। उनकी तरफ से साफ़ है कि पहले नीतीश कुमार इस्तीफा दें, इसके बाद ही कुछ बात की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार राजभवन जा सकते हैं और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं। वहीं इस बीच दिल्ली से लेकर पटना तक बैठकों का दौर जारी है।
बिहार में सियासी हलचल के बीच बीजेपी ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पार्टी की कोर कमिटी का कहना है कि नीतीश कुमार पहले अपना इस्तीफा सौंपें, उसके बाद ही कुछ किया जाएगा।
बिहार में जारी सियासी जोरआजमाइश के बीच केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सारी तस्वीर साफ कर दी है। उन्होंने कहा है कि सब कुछ साफ हो गया है और 31 जनवरी तक बिहार में सरकार बदल जाएगी।
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