Sunday, April 28, 2024
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Guru Nanak Jayanti 2023: देश के इन 10 गुरुद्वारे पर लोगों की है अटूट आस्था, जानें इनके नाम और महत्व

Guru Nanak Jayanti 2023: 27 नवंबर को गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी। ऐसे में आज हम आपको देश के 10 गुरुद्वारे के बारे में बता रहे हैं, जिनकी काफी मान्यता है।

Vineeta Mandal Written By: Vineeta Mandal
Updated on: November 27, 2023 11:36 IST
Guru Nanak Jayanti 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Guru Nanak Jayanti 2023

Guru Nanak Jayanti 2023: गुरु नानक जयंती 27 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन को गुरु पूरब और प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। सिख सुमदाय के लिए गुरु नानक जयंती का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण रखता है। मान्यताओं के मुताबिक, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। इस खास और पावन अवसर पर सभी गुरुद्वारे को फूलों और लाइटों से सजाया जाता है। ऐसे में देश के हर गुरुद्वारों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती हैं। तो आज हम आपको देश के उन 10 गुरुद्वारे के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां दूर-दूर से लोग मत्था टेकने आते हैं। 

1. गुरुद्वारा श्री हरमंदि‍र जी (पटना, बिहार)

 बिहार की राजधानी पटना में स्थित गुरुद्वारा के निर्माण महाराजा रंजीत सिंह ने करवाया था। गुरुद्वारा श्री हरमंदि‍र जी सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक माना जाता है। इस गुरुद्वारे से जुड़ी मान्यता के अनुसार, यहां सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था। प्रकाश पर्व के मौके पर यहां कीर्तन और पाठ का किया जाता है। इसके अलावा अन्य कई कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है। 

2. गुरुद्वारा बंगला साहिब (दिल्ली)

देश की राजधानी में स्थित इस गुरुद्वारे में हर दिन लोगों की काफी भीड़ नजर आती है। सिख समुदाय समेत अन्य धर्मों के लोग भी यहां मत्था टेकने आते हैं। गुरुद्वारा बंगला साहिब को गुरु हरकृष्ण देव जी के सम्मान में बनाया गया था। मान्यताओं के मुताबिक, गुरुद्वारा बंगला साहिब  के प्रांगण में स्थित तालाब के पानी को काफी पवित्र माना जाता है।

3. गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब सिंह (अमृतसर)

पंजाब के अमृतसर में स्थित इस गुरुद्वारे को दुनियाभर में स्वर्ण मंदिर यानी गोल्डन टेंपस के नाम से जाना जाता है। गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब सिंह में मत्था टेकने के लिए देश-दुनिया से लोग आते हैं। सिख समुदाय समेत अन्य धर्मों के लोगों की भी इस गुरुद्वारे में अटूट आस्था है।  कहा जाता है कि महाराजा रणजीत सिंह जी ने गुरुद्वारे का ऊपरी हिस्सा सोने से ढका था, इसलिए इसे स्वर्ण मंदिर का नाम भी दिया गया है।

4.गुरुद्वारा पौंटा साहिब (हिमाचल प्रदेश)

गुरुद्वारा पौंटा साहिब  के बारे में सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह ने सिख धर्म के शास्त्र दसवें ग्रंथ में इस पर एक बड़ा हिस्सा लिखा था। इस गुरुद्वारे को लेकर मान्यता है कि यहां  गुरु गोबिंद सिंह चार साल यहां रुके थे।

5. गुरुद्वारा शीशगंज (दिल्ली)

गुरुद्वारा शीशगंज दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित है। यह गुरुद्वारा 9वीं पातशाही गुरु तेगबहादुर जी से संबंधित है। गुरुद्वारा शीशगंज दिल्ली के नौ ऐतिहासिक गुरुद्वारों में से एक माना जाता है। इस गुरुद्वारे का निर्माण गुरु तेग बहादुर की शहादत स्थल की याद में बनवाया गया था। 

6. तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी, पंजाब)

तख्त श्री ददमदमा साहिब गुरुद्वारा सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक मानी जाती है। अन्य चार तख्त हैं अकाल तख्त , तख्त श्री केशगढ़ साहिब , तख्त श्री पटना साहिब और तख्त श्री हजूर साहिब है। इस स्थान पर दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब नामक सिख धर्मग्रंथ का पूर्ण संस्करण तैयार किया था। यह भी कहा जाता है कि इस जगह पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने तलवंडी साहू में जंग के बाद आराम किया था।

7. गुरुद्वारा मट्टन साहिब (अनंतनाग, श्रीनगर)

कश्मीर की हसीन वादियों में स्थित गुरुद्वारा मटन साहिब, प्राकृतिक रूप से समृद्ध होने के साथ ही ऐतिहासिक महत्व भी रखता है।गुरुद्वारा मटन साहिब से जुड़ी मान्यता के अनुसार, श्री गुरुनानक देव जी अपनी यात्रा के दौरान यहां 30 दि‍न के लिए ठहरे थे।  कहते हैं कि इस जगह पर नानक साहब ने अपने अमृत वचन बोले थे।

8. गुरुद्वारा श्री हेमकुंठ साहिब (उत्तराखंड)

गुरुद्वारा श्री हेमकुंठ साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यह दसवें सिख गुरु , गुरु गोबिंद सिंह को समर्पित है और इसका उल्लेख दशम ग्रंथ में मिलता है।  हेमकुंड साहिब समुद्र तल से  करीब 4329 मीटर की ऊंचाई पर है। बर्फ पड़ने की वजह से अक्टूबर से लेकर अप्रैल महीने तक गुरुद्वारा श्री हेमकुंठ साहिब बंद रहता है।

9. गुरुद्वारा सेहरा साहिब (सुल्‍तानपुर)

गुरुद्वारा सेहरा साहिब पंजाब के सुल्तानपुर में स्थित है। इस गुरुद्वारे को लेकर मान्यता है कि यहां से गुरु हर गोविंद सिंह जी की बारात यहां से गुजरी थी। इसी जगह पर  उनकी सेहरा बांधने की रस्म पूरी की गई थी। इसी वजह से इस गुरुद्वारे का नाम सेहरा साहिब रखा गया।

10. श्री हजूर साहिब अब्चालनगर साहिब गुरुद्वारा, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में स्थित यह गुरुद्वारा 5 तख्तों में से एक है। श्री हजूर साहिब अब्चालनगर साहिब गुरुद्वारा का निर्माण  महाराज रणजीत सिंह जी ने करवाया था। इस गुरुद्वारे को लेकर मान्यता है कि यहीं पर गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपनी आखिरी सांस ली थी।  महाराष्ट्र के नांदेड़ में स्थित हजूर साहिब सचखंड गुरुद्वारा में दुनियाभर से श्रद्धालु मत्था टेकने के लिए आते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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