Saturday, December 27, 2025
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Jitiya Puja Muhurat 2025: जितिया पूजा का मुहूर्त, विधि, मंत्र, कथा, आरती समेत सारी जानकारी मिलेगी यहां

Jitiya 2025 Puja Muhurat, Vidhi: जितिया व्रत पितृ पक्ष के आठवें दिन पड़ता है। मान्यताओं अनुसार इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु के साथ-साथ सुखी जीवन का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। यहां हम आपको बताएंगे जितिया यानी जीवित्पु्त्रिका व्रत की संपूर्ण विधि।

Written By: Laveena Sharma @laveena1693
Published : Sep 13, 2025 03:03 pm IST, Updated : Sep 14, 2025 02:49 pm IST
jitiya puja vidhi- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK जितिया पूजा विधि और मुहूर्त

Jitiya 2025 Puja Muhurat, Vidhi: जितिया पर्व इस साल 14 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। इसे जीवित्पु्त्रिका के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं। ये बेहद कठिन व्रत माना जाता है क्योंकि इस उपवास में अन्न-जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता। यहां हम आपको बताएंगे जितिया पर्व की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती, कथा समेत सारी जानकारी।

जितिया पूजा सामग्री लिस्ट (Jitiya Puja Samagri List)

कुश (जीमूतवाहन की प्रतिमा बनाने के लिए), गाय का गोबर (चील व सियारिन की आकृति बनाने के लिए), अक्षत यानि चावल, पेड़ा, दूर्वा की माला, श्रृंगार का सामान, सिंदूर पुष्प, पान और सुपारी, लौंग और इलायची, मिठाई, फल, फूल, गांठ  का धागा, धूप-दीप, बांस के पत्ते, सरसों का तेल।

जितिया पूजा मुहूर्त 2025 (Jitiya Puja Muhurat 2025)

  • ब्रह्म मुहूर्त 04:33 ए एम से 05:19 ए एम
  • प्रातः सन्ध्या 04:56 ए एम से 06:05 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त 11:52 ए एम से 12:41 पी एम
  • विजय मुहूर्त 02:20 पी एम से 03:09 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त 06:27 पी एम से 06:51 पी एम
  • सायाह्न सन्ध्या 06:27 पी एम से 07:37 पी एम

जितिया/जीवित्पुत्रिका पूजा विधि (Jitiya Puja Vidhi)

  • इस दिन माताएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराएं।
  • भगवान की प्रतिमा के समक्ष धूप, दीप जलाएं और भोग लगाएं।
  • फिर मिट्टी और गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्ति बनाएं। 
  • साथ ही कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप, दीप, चावल, पुष्प आदि चढ़ाएं।
  • शुभ मुहूर्त में विधि विधान पूजा करने के बाद जितिया की कथा सुनें।
  • अंत में आरती करके प्रसाद सभी में बांट दें।
  • फिर अगले दिन व्रत का पारण करने के बाद दान अवश्य दें।

पीरियड में जितिया व्रत कैसे रखें (Period Mein Jitiya Vrat Kaise Rakhe)

अगर आप पहले से जितिया व्रत रख रही हैं तो पीरियड में भी इस व्रत को न छोड़ें। इस दौरान आप किसी अन्य महिला से पूजा करा सकती हैं और पूजा स्थान से थोड़ी दूरी पर बैठकर कथा सुन सकती हैं। अगर आप पहली बार ये व्रत रखने जा रही हैं तब आप पीरियड में ये व्रत शुरू न करें।

जितिया व्रत मंत्र (Jitiya Vrat Mantra)

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः

जितिया व्रत आरती (Jitiya Vrat Aarti In Hindi)

ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।

त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप...

सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप....

सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप...

सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।

विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप...

कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप...

नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।

वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप...

सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप...

ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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