लोकसभा चुनाव में ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। इससे पहले आज राजद सहित कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मांग की है कि अगले चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं।
दिल्ली में विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की चौथी बैठक संपन्न हो गई है। इस बैठक में सीट शेयरिंग, चुनावी रणनीति समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई है। साथ ही बैठक में विपक्षी दलों ने EVM पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को आरोप लगाया कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आए एकतरफा चुनाव परिणाम अप्रत्याशित और जन-अपेक्षा के विपरीत हैं और यह बिना सुनियोजित गड़बड़ी तथा धांधली के संभव नहीं है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर EVM पर सवाल उठाए हैं।
याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि कि हर सिस्टम में गलती की आशंका होती है।
विपक्षी पार्टियों और निर्वाचन आयोग के बीच सोमवार को प्रस्तावित बैठक में अधिकतर पार्टियां आगामी चुनावों में बैलेट पेपर की वकालत करेंगी।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वोटिंग के खिलाफ अब विपक्षी दल लामबंद हो रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस समेत 17 राजनीतिक दल इस मांग के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं कि 2019 का लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराया जाए।
कांग्रेस ने पिछले हफ्ते चुनाव आयोग से अपील की थी कि आगामी चुनावों में EVM के बजाए मतपत्रों से चुनाव कराने की पुरानी व्यवस्था शुरू हो...
बीजेपी ने कहा है कि यदि सभी दल सहमत हों तो हम भी बैलट पेपर से चुनाव कराने पर विचार कर सकते हैं...
राष्ट्रपति चुनाव में 17 जुलाई को मतदान करने वाले संसद के सदस्यों के लिए मतपत्र हरे रंग का होगा जबकि विधायकों के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र होगा।
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