ईमाम खालिद रशीद ने जुम्मे की नमाज के दौरान मुस्लिम समुदाय से किसी भी तरह के फैसले पर अमन बनाए रखने की अपील की।
मोल्डिंग ऑफ रिलीफ का मतलब है कि अगर मालिकाना हक किसी एक या दो पक्ष को मिल जाए तो बचे हुए पक्ष को क्या वैकल्पिक राहत मिल सकती है। मुस्लिम पक्षकारों ने दस्तावेजों को संयुक्त रूप से सीलबंद लिफाफे में पेश किया है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड को छोड़कर बाकी मुस्लिम पार्टियों की तरफ एक प्रेस रिलीज़ जारी की गई है, जिसमें उन्होंने मध्यस्थता की पेशकश को ठुकरा दिया है।
मध्यप्रदेश और राजस्थान के उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीश ने कहा, "हम उच्चतम न्यायालय से यह अपेक्षा भी करते हैं कि वह मुकदमे में एकदम स्पष्ट फैसला सुनायेगा।"
बैठक की महत्ता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि संघ से जुड़े सभी संगठनों के प्रचारक चार नवंबर तक चलने वाली इस बैठक में उपस्थित रहेंगे। एक सूत्र ने कहा कि बैठक के दौरान राम मंदिर पर एक प्रस्ताव पारित किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर सुनवाई खत्म हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
दशहरा की हफ्ते भर की छुट्टी के बाद उच्चतम न्यायालय में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई सोमवार को अंतिम चरण में प्रवेश कर जाएगी और न्यायालय की संविधान पीठ 38 वें दिन इस मामले की सुनवाई करेगी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने गत शनिवार को कल्याण सिंह को बाबरी विध्वंस मामले में 27 सितम्बर को पेश होने के लिये समन जारी किया था।
अयोध्या विवाद में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआई की विशेष अदालत ने कल्याण सिंह को 27 सितंबर को पेश करने का आदेश दिया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को बाबरी ढांचा ढहाये जाने के मामले में मुकदमे का सामना करने के मकसद से तलब करने के अनुरोध वाली अर्जी सोमवार को दी।
धवन ने पीठ को बताया, “बाबरी के अंदर देवी-देवताओं की प्रतिमा का प्रकट होना चमत्कार नहीं था। 22-23 दिसंबर 1949 की दरम्यानी रात उन्हें रखने के लिये सुनियोजित तरीके से और गुपचुप हमला किया गया।”
अयोध्या। बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि मामले में मुख्य वादियों में शामिल इकबाल अंसारी पर मंगलवार को उनके पर ही कथित रूप से हमला किया गया। अंसारी ने दावा किया कि उन्हें धमकी दी गई है कि अगर उन्होंने मामला वापस नहीं लिया तो उनकी हत्या कर दी जाएगी।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मुस्लिम पक्षों ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि हिन्दुओं ने 1934 में बाबरी मस्जिद पर हमला किया, फिर 1949 में अवैध घुसपैठ की और 1992 में इसे तोड़ दिया तथा अब कह रहे हैं कि संबंधित जमीन पर उनके अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए।
एक हिंदू संस्था ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष दावा किया कि मुगल बादशाह बाबर न तो अयोध्या गया था और और न ही विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर 1528 में मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।
‘राम लला विराजमान’ के वकील ने मंगलवार को ‘एएसआई’ की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में मस्जिद का निर्माण करने के लिए हिंदू मंदिर गिराया गया।
हिंदू कानून के अनुसार, एक भगवान को नाबालिग माना जाता है और कानून के अंतर्गत वे एक न्यायिक व्यक्ति हैं। भगवान कानून के कोर्ट में अभियोग भी चला सकते हैं। रामलला विराजमान एक भगवान हैं और उनका जन्मस्थान सिर्फ वहीं तक सीमित नहीं है, जहां उनका जन्म हुआ है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में रोजाना सुनवाई का फैसला लिया था। इसके मुताबिक हफ्ते के मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सुनवाई के लिए तय किया गया था।
उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में पक्षकार ‘राम लला विराजमान’ की ओर से बुधवार को दलील दी गयी कि श्रद्धालुओं की अटूट आस्था ही अयोध्या में विवादित स्थल के राम की जन्म भूमि होने का सबूत है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस को रोका जा सकता था लेकिन उनकी पार्टी की सरकार की नाकामी की वजह से ऐसा नहीं हो सका।
अयोध्या में विवादित स्थल पर अपना दावा करते हुए निर्मोही अखाड़ा ने मगंलवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि मुस्लिमों ने बाबरी मस्जिद में प्रतिदिन पांच बार नमाज पढ़ना 1934 में ही बंद कर दिया था और दिसंबर 1949 में जुमे की नमाज भी बंद कर दी थी।
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