भारत बायोटेक ने कहा कि टीके का उत्पादन बढ़ाने एक कदम दर कदम आगे बढ़ने वाली प्रक्रिया है। इसमें कई तरह के नियामकीय और गुणवत्ता परक विनिर्माण व्यवहार की मानक परिचालन प्रक्रियायें शामिल हैं।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार से कहा है कि उसने कोवैक्सिन टीके को आपात उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल कराने के लिए डब्ल्यूएचओ को 90 प्रतिशत दस्तावेज जमा कर दिये हैं।
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार को सूचित किया है कि उसने कोवैक्सीन से जुड़े 90 प्रतिशत दस्तावेज पहले ही डब्ल्यूएचओ में जमा करा दिए हैं ताकि टीके को आपात इस्तेमाल के लिये सूचीबद्ध (ईयूएल) कराया जा सके।
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 से लड़ने में टीकाकरण सबसे प्रभावी हथियार है।
कोवैक्सीन टीके का निर्माण करनेवाली कंपनी भारत बायोटेक की सहयोगी फर्म बायोवेट अगस्त के अंत तक पुणे के मंजरी स्थित प्लांट से टीके का उत्पादन शुरू कर देगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने पड़ताल के बाद विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर 2 से 18 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए कोवैक्सीन (Covaxin) के दूसरे व तीसरे चरण के परीक्षण को मंजूरी दे दी है।
भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि कोविड टीकों की आपूर्ति के संबंध में कंपनी की नीयत को लेकर कुछ राज्यों द्वारा शिकायत किया जाना काफी निराशाजनक है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच केंद्र सरकार कोविड-19 के टीकों का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
Bharat Biotech Covid Vaccine Covaxin: हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता संस्थान ने ट्वीट कर कहा कि हमारे प्रयासों में कमी नहीं आएगी, हम अपने टीके की निरंतर आपूर्ति जारी रखेंगे।
इस मैसेज के वायरल होने के बाद से ही लगातार ये जानना चाहते हैं कि ये वायरल मैसेज सही है। अगर आप भी इस मैसेज की सच्चाई जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि भारत सरकार ने इस मैसेज को फर्जी करार दिया है।
कोरोना वैक्सीन के दाम को लेकर जारी विवाद के बीच एक राहत भरी खबर आयी है। भारत बायोटेक की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, राज्य सरकारों को COVAXIN 400 रुपए प्रति डोज़ मूल्य पर उपलब्ध होगी।
कोविड-19, चिकनगुनिया, जीका, हैजा और अन्य संक्रमणों के लिए वैक्सीन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि वैक्सीन की लागत वसूल हो।
भारत बायोटेक ने भारतीय औषधी नियामक को पत्र लिखकर स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के उपयोग की अवधि को छह से 24 महीने बढ़ाने का आग्रह किया है।
भारत बायोटेक के बयान के मुताबिक, राज्य सरकार के लिए प्रति डोज़ 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये प्रति डोज़ दिया जाएगा।
नेपाल के राष्ट्रीय दवा नियामक प्राधिकरण ने शनिवार को भारत बायोटेक के नेपाल को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है।
कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्तियों में कोविशील्ड टीके का तेजी से असर होता है और उनमें एंटीबॉडी का स्तर अधिक पाया जा रहा है। यह बात एक अध्ययन से सामने आयी है।
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे जारी किए हैं। नतीजों में कहा गया है कि को-वैक्सीन 81 प्रतिशत सफल रही है।
‘भारत बायोटेक’ ने बताया कि उसने कोविड-19 के टीके ‘Covaxin’ की दो करोड़ खुराकें सप्लाई करने की डील की है।
भारत बायोटेक को कोविड-19 के अपने टीके ‘कोवैक्सीन’ की 45 लाख अतिरिक्त खुराकों के लिए केंद्र से ऑर्डर मिला है।
कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक की ओर से फैक्टशीट जारी की गई। इसमें कंपनी ने बताया है कि कौन कौन से लोग यह वैक्सीन न लें और कौन से लोगों के लिए यह वैक्सीन सुरक्षित है।
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