देश में सात दिनों के अंदर सीएए को लागू करने को लेकर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि मैं गारंटी देकर जा रहा हूं कि 7 दिन में सीएए देश में लागू हो जाएगा। बता दें कि वह पश्चिम बंगाल में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने दिसंबर 2019 में संसद में विवादास्पद कानून को जबरदस्ती प्रस्तुत किया था।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि हमारे पड़ोस में धार्मिक उत्पीड़न से निपटने के लिए उचित वर्गीकरण के नाम पर, उन्हें उम्मीद है कि किसी अन्य ‘‘कपटपूर्ण सांचे’’ के लिए जमीन तैयार नहीं की जा रही है।
सीएए लागू करने को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की टीएमसी ने कड़ी निंदा की है। कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि बीजेपी धर्म के नाम पर देश के लोगों को बांट रही है। बीजेपी लोगों के रोटी-कपड़ा और मकान पर ध्यान दे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता की रैली में कहा कि सीएए देश का कानून है और पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार इसे लागू करके रहेगी।
CAA में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान हैं। इसे लेकर कुछ साल पहले देश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए थे।
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जामिया हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम और आसिफ तन्हा को आरोप मुक्त कर दिया है। लेकिन वे अभी जेल में ही रहेंगे।
भारत का संविधान पूरे देश के लिए एकमात्र नागरिकता उपलब्ध कराता है। नागरिकता से संबंधित प्रावधानों को भारत के संविधान द्वितीय भाग के अनुच्छेद 5 से 11 में दिया गया है।
केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि यह अधिनियम किसी भी तरह से असम में अवैध प्रवास को प्रोत्साहित नहीं करता है। इसको लेकर गलत आशंकाएं फैलाई जा रही हैं।
Imran Khan Protest Pakistan & CAA-NRC India Connection: भारत में सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली से लेकर हर राज्य में हुए प्रोटेस्ट का पाकिस्तान से सीधा कनेक्शन सामने आया है।
मुख्यमंत्री कोलकाता के नेताजी इनडोर स्टेडियम में राज्य सरकार द्वारा शरणार्थियों के भूमि के पट्टे वितरण को लेकर एक कार्यक्रम में शामिल हुई थी। इसी दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर बरसा।
वहीं अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र की वापसी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि, अगर अध्यक्ष पद का चुनाव शशि थरूर जीतते तो यह कहा जा सकता था कि पार्टी में लोकतंत्र है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि बीजेपी देश में सीएए को लागू नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी 2023 के पंचायत चुनावों से पहले समाज के ध्रुवीकरण की कोशिश के तहत बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2020 में स्पष्ट किया था कि वह केंद्र की बात सुने बिना CAA के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगाएगा। याचिका दायर करने वाले अन्य महत्वपूर्ण लोगों में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, आरजेडी नेता मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं।
नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA 11 दिसंबर 2019 को संसद से पारित हुआ था। लेकिन 3 साल होने को आए हैं मगर अभी तक इस कानून के लिए गृह मंत्रालय नियम तय कर पाया है। इसको लेकर अब मंत्रालय को अतिरिक्त समय दिया गया है।
Safoora Zargar: जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) ने सफूरा जरगर के पीएचडी दाखिले को रद्द करने के बाद, कैंपस में उनके प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। यानी जहां एक ओर सफूरा जरगर का पीएचडी दाखिला रद्द कर दिया गया, वहीं अब वह विश्वविद्यालय कैंपस में भी नहीं जा सकेंगी।
Supreme Court Hearing on CAA: 200 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई को सुव्यवस्थित करने के लिए शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाओं को अलग-अलग डिब्बों में रखने की जरुरत है।
President Election: यशवंत सिन्हा ने कहा कि BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सीएए को अभी तक लागू नहीं कर पाई है क्योंकि इसका मसौदा जल्दबाजी में 'मूर्खतापूर्ण ढंग से तैयार' किया गया था।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लागू नहीं करेगी। केरल में अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ समारोह के समापन के अवसर पर आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर सरकार की स्थिति स्पष्ट है और यह जारी रहेगा।’’
नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) शुरू से ही विवादों में रहा है। मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को 10 जनवरी 2020 को अमलीजामा पहनाया। इस कानून से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य देशों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और यहूदी को भारतीय नागरिकता मिल सकती है।
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