डॉली सोही का शुक्रवार, 8 मार्च को 48 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। टीवी एक्ट्रेस डॉली सोही पिछले कई महीनों से सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही थीं। वहीं डॉली सोही के निधन के एक दिन पहले बहन अमनदीप की डेथ भी हुई थी।
India Cancer Vaccine: कैंसर मरीजों के लिए अब तक की सबसे बड़ी खुशखबरी है। भारतीय वैज्ञानिकों ने कैंसर की एक ऐसी स्वदेशी वैक्सीन खोज ली है, जिसकी डोज दिए जाने के बाद लोगों में इस बीमारी के होने की संभावना लगभग नगण्य हो जाएगी।
सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई कैंसर की इस वैक्सीन का आज परीक्षण होना है। अगर परीक्षण में ये वैक्सीन पास होती है तो देश के लिए राहत की खबर होगी।
स्मार्टफोन के बिना जिंदगी अब अधूरी लगती है, सिर्फ एक स्मार्ट फोन हर मर्ज की दवा बन गया है। चाहे फोटो खींचनी हो या फिर ऑनलाइन शॉपिंग-बैंकिंग करनी हो, घंटों का काम मिनटों में एक क्लिक से हो जाता है।
स्वामी रामदेव के अनुसार प्रेग्नेंसी, पीरियड्स और मोनोपॉड के समय हुए शरीर में कई परिवर्तन होते हैं। ऐसे में अगर आपने इन्हें ध्यान नहीं दिया तो सर्वाइकल कैंसर का कारण बन जाता है।
एक आकड़े के अनुसार सर्वाइकल कैंसर के कारण 15 से 45 साल की उम्र की महिलाएं अपनी जान गवां देती हैं। जानिए इस खतरनाक बीमारी के कारण में सबकुछ।
एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में महिलाओं की मौत की सबसे बड़ी वजहों में से एक सर्वाइकल कैंसर भी है। जानें इसके लक्षण और कैसे करें बचाव।
डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से 2030 तक गर्भाशय कैंसर को खत्म करने के प्रयासों को और तेज करने की अपील की
15 से 44 साल की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर तेजी से पैर पसार रहा है। इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है ताकि बचाव किया जा सके।
भारत आगामी 60 वर्षों में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से छुटकारा पाने में सफलता हासिल कर सकता है। लैंसेट के एक अध्ययन में बुधवार को यह बात कही गई।
पैथोलॉजी लैब एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स द्वारा सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग के लिए एचपीवी (ह्यूमन पैपीलोमा वायरस) जांच के विश्लेषण में पता चला है कि 31-45 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में हाई-रिस्क एचपीवी के सबसे ज्यादा (47 फीसदी) मामले पाए गए हैं।
क्या आप जानते है कि हर 7 मिनट में 1 महिला सर्वाइकल कैंसर से मर जाती है। जी हां यह सच है आकड़ो के अनुसार हर साल 11.1 प्रतिशत महिलाओं की मौत का कारण सर्वाइकल कैंसर होता है जानिए इस बीमारी के बारें में सबकुछ।
सर्वाइकल कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा 16 से 30 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में होता है। महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाला एचपीवी (ह्यूमन पेपीलोमा वायरस) जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन गंभीर रूप लेने पर आगे जाकर सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। जानिए लक्षण और कैसे करें रोकथाम के बारें में
कैंसर की इस तरह की दवाएं मरीजों के लिए लाभदायक साबित हो सकती हैं, यह उन मरीजों के लिए एक नया विकल्प हो सकता है जिन पर वर्तमान का कोई उपचार काम नहीं कर रहा हो।
सर्वाइकल कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा 16 से 30 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में होता है। महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाला एचपीवी (ह्यूमन पेपीलोमा वायरस) जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन गंभीर रूप लेने पर आगे जाकर सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है।
कैंसर से संबंधित कुल मौतों का 11.1 प्रतिशत कारण सर्वाइकल कैंसर ही है। जानिए इसके लक्षण, बचाव के उपाय और ट्रिटमेंट....
बच्चेदानी के मुँह(सर्विक्स)या गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर दुनिया भर में महिलाओं की असमय मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है। इसमें से 80 प्रतिशत मामले विकासशील देशों की महिलाओं से संबंधित होते हैं। जानिए इसके लक्षण और बचाव के कारण...
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