सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि देश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर वह 18 जून को सुनवाई करेगा।
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की पिटाई के विरोध में आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहेंगी। दरअसल सैकड़ों डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय राजधानी के साथ देश के लगभग सभी इलाकों में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में आज स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में हाल में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में 17 जून को देश भर में गैर जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को रद्द करने के साथ वह अपनी हड़ताल की दिशा में आगे बढ़ेगा।
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने रविवार को अपने रुख में नरमी लाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके साथ बैठक की जगह तय करने के लिये स्वतंत्र हैं लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बैठक खुले में होनी चाहिए।
गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर परामर्श जारी करते हुए आंदोलन को लेकर रिपोर्ट मांगी है, लेकिन ममता बनर्जी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे परामर्श उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों को भेजे जाने चाहिये जहां बीते दो सालों में हत्याओं के कई मामले सामने आए हैं।
पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील ठुकराते हुए कहा है कि ममता ने कोई ईमानदार पहल नहीं की है इसलिए हम उनकी अपील को ठुकराते हुए प्रदर्शन जारी रखेंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के पांच दिन बाद भी आवश्यक सेवा संरक्षण कानून (एस्मा) लागू नहीं किया और उन्होंने डॉक्टरों से फौरन ड्यूटी पर लौटने की अपील की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताली डॉक्टरों से अपील की है कि वे काम पर वापस लौट आएं, हम उन्हें सुरक्षा देंगे। उन्होंने डॉक्टरों पर हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टरों ने हालांकि कहा कि वे विरोध के संकेत के रूप में लाल स्टेन वाले बैंडेज और हेलमेट पहनना जारी रखेंगे।
इन सबके बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी ममता सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि डॉक्टरों से गतिरोध खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए अब तक ममता सरकार ने क्या किया है।
पश्चिम बंगाल में NRS मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हिंसा के खिलाफ जारी डॉक्टरों के आंदोलन के बीच राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों के 600 से अधिक वरिष्ठ चिकित्सकों ने सेवा से इस्तीफा दे दिया।
पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने के लिए 6 शर्तें रखी हैं साथ ही मांग की है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिना शर्त माफी मांगें।
कोलकाता में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में देश के विभिन्न हिस्सों से चिकित्सक बिरादरी आने के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को उनसे संयम बरतने की अपील करते हुए मरीजों की सेवा जारी रखने को कहा।
हर्षवर्धन ने कहा है कि ममता की धमकी की वजह से ही कोलकाता के साथ-साथ पूरे देश के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। ऐसे में ममता बनर्जी को अपने रवैये में बदलाव लाना चाहिए ताकि मरीजों की परेशानी दूर हो सके।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की धमकी का असर ये हुआ कि गुरुवार शाम होते होते बंगाल के कई अस्पतालों से सीनियर डॉक्टरों के इस्तीफे की खबर ममता के दफ्तर तक पहुंचने लग गई। चार दिनों से चल रहे डॉक्टरों की इस हड़ताल को ममता ने कल बीजेपी से भी जोड़ दिया था।
पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी ने गुरुवार को कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है।
भाजपा उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजुमदार ने कहा कि मुख्यमंत्री समस्या को हल करने के बजाए आरोप लगाने में लगी हैं। अगर वह हालात पर काबू नहीं पा सकतीं तो उन्हें स्वास्थ्य मंत्री के पद से त्यागपत्र दे देना चाहिये।’’
डॉक्टर्स के हड़ताल पर चले जाने के काराण मरीजों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में अब तक कन्हैया कुमार का कोई बयान सामने नहीं आया है।
देशभर के सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर आज हड़ताल पर रहेंगे. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में बंद का आह्वान किया है.
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