भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 21 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.472 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही कुल भंडार घटकर 688.104 अरब डॉलर पर आ गया। यह कमी मुख्य रूप से सोने के भंडार के मूल्य में तेज गिरावट के कारण हुई।
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 14 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 5.543 अरब डॉलर बढ़कर 692.576 अरब डॉलर हो गए। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से सोने के भंडार के मूल्य में भारी वृद्धि के कारण हुई। पिछले सप्ताह के मुकाबले, कुल भंडार 2.699 अरब डॉलर घटकर 687.034 अर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, 3 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 276 मिलियन डॉलर की गिरावट आई और यह 699.96 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों में यह ताजा रुझान सामने आया है। किसी भी देश में विदेशी मुद्रा भंडार वह विदेशी मुद्रा और सोने जैसी संपत्ति है जो उस देश का केंद्रीय बैंक अपने पास रखता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 अगस्त को खत्म सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 9.322 अरब डॉलर की भारी गिरावट के साथ 688.871 अरब डॉलर पर आ गया। हाल के समय में यह सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावटों में से एक है।
डॉलर मूल्य में व्यक्त इन परिसंपत्तियों में यूरो, पाउंड, येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की मूल्य में उतार-चढ़ाव का भी असर शामिल होता है।
30 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख कंपोनेंट विदेशी मुद्रा आस्तियां 19.52 लाख डॉलर घटकर 584.21 अरब डॉलर रह गईं।
इससे पहले 16 मई को खत्म हुए सप्ताह में देशी का विदेशी मुद्रा भंडार 4.89 अरब डॉलर की बड़ी गिरावट के बाद 685.73 अरब डॉलर हो गया था।
16 मई को खत्म हुए हफ्ते में देश का स्वर्ण भंडार यानी गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 5.12 अरब डॉलर की भारी-भरकम गिरावट के साथ 81.22 अरब डॉलर रह गई।
पिछले साल सितंबर, 2024 के आखिर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 704.89 अरब डॉलर के लाइफटाइम हाई पर पहुंच गया था।
सितंबर, 2024 के अंत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 704.89 अरब डॉलर के लाइफटाइम हाई पर पहुंच गया था।
केंद्रीय बैंक हर शुक्रवार को भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का डेटा जारी करता है। आरबीआई समय-समय पर रुपये में तेज गिरावट को रोकने के उद्देश्य से डॉलर की बिक्री सहित लिक्विडिटी प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है।
बीते 4 अप्रैल को खत्म सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 10.872 अरब अमेरिकी डॉलर बढ़कर 676.268 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। सितंबर 2024 में विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 अरब अमेरिकी डॉलर के अब तक के सबसे टॉप लेवल को छू गया था।
4 अप्रैल को खत्म सप्ताह के लिए, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, जो भंडार का एक प्रमुख कम्पोनेंट है, 9.074 अरब अमेरिकी डॉलर बढ़कर 574.088 अरब अमेरिकी डॉलर हो गईं।
Foreign exchange reserves : देश के गोल्ड रिजर्व का मूल्य 28 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में 51.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 77.79 अरब डॉलर हो गया।
विदेशी मुद्रा भंडार में आई इस तेजी की वजह 28 फरवरी को केंद्रीय बैंक द्वारा किया गया 10 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा एक्सचेंज है। आरबीआई ने सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए रुपए के मुकाबले डॉलर खरीदा था।
India foreign exchange reserves : भारत के स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.30 अरब डॉलर घटकर 73.27 अरब डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 2.7 करोड डॉलर बढ़कर 17.99 अरब डॉलर हो गया।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वो दो अलग-अलग चरणों में 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य की भारत सरकार की सिक्यॉरिटीज की खुले बाजार परिचालन (OMO) खरीद करेगा। पहले चरण के तहत 50,000 करोड़ रुपये की पहली नीलामी 12 मार्च को निर्धारित की गई है।
सितंबर 2024 के आखिर में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.885 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
अमेरिकाी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पॉलिसी के कारण डॉलर मजबूत हो रहा है। इसका असर भारत समेत दुनियाभर के करेंसी पर हो रहा है। रुपये में हाल के दिनों में बड़ी गिरावट आई है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़