जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे विदेशी मेहमानों को खाने में दही के गोले, केरल के लाल चावल सहित कई तरह के लजीज व्यंजन परोसे जाएंगे, वहीं राष्ट्राध्यक्षों की पत्नियों को चाट और अप्पलम परोसा जाएगा। देखें पूरी मेनू लिस्ट-
जी-20 का शिखर सम्मेलन भारत की राजधानी दिल्ली में चल रहा है। ये सम्मेलन कई मायनों में भारत के लिए काफी अहम है। सबसे खास बात है कि इस सम्मेलन में अतिथियों को मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे जाएंगे। जानिए मोटे अनाज से जुड़ी अहम बातें-
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार भारत आए हैं। अपने तीन दिवसीय यात्रा पर ऋषि सुनक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षी वार्ता होने का कार्यक्रम है।
अगर भारत को ग्लोबल लीडर बनना है, तो G-20 बड़ा ज़रिया हो सकता है क्योंकि दुनिया की GDP में 80 परसेंट भागीदारी G-20 में शामिल देशों की है, दुनिया का 75 परसेंट अन्तरराष्ट्रीय व्यापार G-20 देशों के बीच होता है. दुनिया की दो तिहाई आबादी G-20 देशों में रहती है और दुनिया का 60 परसेंट भौगोलिक क्षेत्र G-20 का देशों का है.
जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। सम्मेलन के दौरान लीडर्स घोषणा-पत्र को मंजूरी मिल गई है। पीएम मोदी ने इसपर खुशी जताई है।
अफ्रीकी यूनियन को जी20 में स्थायी सदस्यता मिल गई है। इस खुशी के मौके पर अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष अजाली असौमानी और पीएम नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे को गले लगाया। यह तस्वीर लोगों को खूब पसंद आ रही है।
जी20 शिखर सम्मेलन के लिए सुरक्षा को देखते हुए देश की राजधानी दिल्ली को पूरी तरह सिक्योर कर दिया गया है। इसके बावजूद एक धमकी ने पुलिस के होश उड़ा दिए।
जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन युद्ध का समाधान अब तक नहीं खोजे जाने को लेकर बड़ी चिंता जाहिर की है। उन्होंने पूरी दुनिया के नेताओं का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते कहा कि युद्ध ने विश्वास की कमी को और गहरा कर दिया है, मगर अब हम सबको मिलकर इसे भरोसे में तब्दील करने का वक्त आ गया है।
जी20 समिट पर संजय राउत ने कहा कि दुनियाभर के नेता एक साथ आ रहे हैं, लेकिन आप विपक्ष के सबसे बड़े नेता को जगह नहीं देते, तो यह दुखद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब G20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री के सामने अंग्रेजी में लिखे BHARAT ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।
जी-20 सम्मेलन का नई दिल्ली में आज से आगाज हो गया है। मगर इस दौरान यूक्रेन संकट पर आम सहमति बना पाना जी-20 नेताओं के लिए सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। चीन और रूस अन्य देशों के बयानों पर आम सहमति बनाने नहीं दे रहे। अब अध्यक्ष के नाते दुनिया भारत से घोषणापत्र के लिए आम सहमति की उम्मीद लगाए बैठी है।
भारत की राजधानी नई दिल्ली में जी20 शिखर वार्ता की शुरुआत हो चुकी है। 9-10 सितंबर को होने वाली शिखर वार्ता में दुनियाभर के नेताओं द्वारा कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
जी20 शिखर वार्ता के लिए देश की राजधानी नई दिल्ली पूरी तरह तैयार है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर यूके पीएम ऋषि सुनक तक बैठक में भाग लेने के लिए भारत आ चुके हैं।
जी20 शिखर सम्मेलन की बैठक के बाद जहां लीडर्स घोषणा पत्र जारी किया गया वहीं भारत मध्य पूर्व यूरोप कॉरिडोर का भी ऐलान किया गया है। इसके साथ नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठकें भी हुईं।
जी20 सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 से भी ज्यादा देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता मुलाकात और वार्ता करेंगे। पीएम ने शुक्रवार को तीन देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की। वहीं वो शनिवार और रविवार को भी कई नेताओं से मुलाकात करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत में होने वाले जी20 सम्मेलन में हिस्सा लेने एक लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। बतौर राष्ट्रपति यह उनकी पहली भारत यात्रा है। इससे पहले वह साल 2013 में भारत आये थे।
जी20 के सदस्य देशों के साथ-साथ दुनिया के कई देशों को भारत ने बतौर अतिथि आमंत्रित किया है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक इंटरव्यू में जी-20 को भारत की बड़ी कामयाबी बताया और कहा कि वो चाहते हैं कि यह सम्मेलन सफल हो। वहीं खालिस्तान के सवाल पर उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में किसी भी तरह की हिंसा स्वीकार्य नहीं है।
दिल्ली में होने वाली जी20 बैठक में शामिल होने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारत आ चुके हैं। वो बैठक में शामिल होने के अलावा 10 सितंबर को अपनी पत्नी के साथ अक्षरधाम मंदिर के दर्शन भी करेंगे।
9 और 10 सितंबर को G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर के नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं। इन नेताओं भारत के केंद्रीय मंत्री पालम हवाई अड्डे पर रिसीव कर रहे हैं।
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