Saturday, April 27, 2024
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शशि थरूर ने जमकर की G20 डिक्लेरेशन की तारीफ, पर इन दो बातों पर जाहिर की निराशा

जी20 सम्मेलन के पहले दिन संगठन के सभी सदस्य देशों की सहमति के बाद साझा घोषणापत्र को जारी किया गया था। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण साझा घोषणापत्र जारी होने की उम्मीद कम नजर आ रही थी।

Subhash Kumar Written By: Subhash Kumar
Updated on: September 11, 2023 9:50 IST
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Image Source : PTI शशि थरूर

भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन को अब तक का सबसे सफल सम्मेलन बताया जा रहा है। इस सम्मेलन से दुनियाभर के विकास और शांति-समृद्धि के लिए कई फैसले निकलकर सामने आए हैं। इसके साथ ही भारत ने जी20 के घोषणापत्र को सफलतापूर्वक पास करा लिया है जो एक जटिल काम माना जा रहा है। अब विपक्षी दलों के नेता भी इस सम्मेलन की सफलता के समर्थन में आ गए हैं।

क्या बोले शशि थरूर?

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी जी20 के घोषणापत्र को एक बड़ी कुटनीतिक जीत बताया है। थरूर ने कहा- "जी20 सम्मेलन का दिल्ली घोषणापत्र निस्संदेह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत है। यह एक अच्छी उपलब्धि है क्योंकि जब तक जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित नहीं किया गया था, तब तक यहा उम्मीद की जा रही थी कि कोई समझौता नहीं होगा। इस कारण एक संयुक्त विज्ञप्ति संभव नहीं थी। सभी यही मान रहे थे कि बैठक को एक  अध्यक्ष के सारांश के साथ समाप्त करना पड़ सकता है।" दूसरी ओर थरूर ने जी20 सम्मेलन के लिए दिल्ली बंद होने से दिहाड़ी मजदूरों और अन्य लोगों को हुई कठिनाइयों पर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में विपक्ष के नेता, संसद के विपक्षी सदस्यों और यहां तक की विदेशी मामलों से संबंधित संसदीय समितियों के सदस्यों को भी नहीं बुलाया गया जो कि काफी निराशाजनक है। 

रूस को भी नहीं थी उम्मीद
भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 शिखर सम्मेलन को रूस ने भी सफल बताया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी घोषणापत्र में प्रयोग किए गए शब्दों पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे घोषणापत्र की उन्हें उम्मीद ही नहीं थी। रूस की ओर से जी20 बैठक का यूक्रेनीकरण  न होने देने की भी तारीफ की गई है। लावरोव ने कहा कि जी20 वास्तव में अपने मुख्य लक्ष्यों के लिए काम कर रहा है। 

कैसै पास हुआ घोषणापत्र?
जी20 सम्मेलन के पहले दिन संगठन के सभी सदस्य देशों की सहमति के बाद साझा घोषणापत्र को जारी किया गया था। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण साझा घोषणापत्र जारी होने की उम्मीद कम नजर आ रही थी। हालांकि, भारत द्वारा इस घोषणा पत्र की भाषा को इस तरह से रखा कि सभी देश एक साथ सहमत हो गए। पीएम मोदी ने भी कहा कि हमारी टीमों की ओर से की गई कड़ी मेहनत और सहयोग के कारण घोषणापत्र पर सहमति बनी है। 

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