Thursday, May 02, 2024
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इस बार G-20 के डिजिटल शिखर सम्मेलन PM मोदी के साथ शामिल हुए पुतिन, मगर शी जिनपिंग ने किया परहेज

पीएम मोदी ने जी-20 के डिजिटल शिखर सम्मेलन में एक बार फिर विश्व नेताओं को संबोधित किया। इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी शामिल हुए। मगर चीनी राष्ट्रपति ने फिर परहेज किया। रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल हमास युद्ध का समाधान खोजने के लिए सभी जी-20 देश चिंतित दिखे। इसके बाद मानवीयता को देख कई फैसला लिया गया।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: November 23, 2023 7:52 IST
G-20 के डिजिटल शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अन्य विश्व नेता।- India TV Hindi
Image Source : AP G-20 के डिजिटल शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अन्य विश्व नेता।

इजरायल-हमास और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने एक बार फिर नई दिल्ली में डिजिटल शिखर सम्मेल का आयोजन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। डिजिटल शिखर अबकी बार सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी शामिल हुए। जबकि सितंबर में नई दिल्ली में फिजिकल चर्चा में राष्ट्रपति पुतिन शामिल नहीं हो सके थे। जबकि दूसरी ओर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने डिजिटल सम्मेलन में भी शामिल होने से परहेज किया। भारतीय विदेश मंत्री ने शी जिनपिंग के शामिल नहीं होने पर कहा कि यह उस देश पर निर्भर करता है कि उसका प्रतिनिधित्व कौन करेगा। सम्मेलन में इजरायल-हमास संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य कई तरह की पैदा हो रही वैश्विक समस्याओं के समाधान पर फोकस किया गया। 
 
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि जी20 के डिजिटल शिखर सम्मेलन में कई नेताओं ने इजराइल-हमास संघर्ष पर बात की और समय पर मानवीय सहायता प्रदान करने, हिंसा को फैलने नहीं देने तथा फलस्तीन मुद्दे का दीर्घकालिक समाधान खोजने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में डिजिटल तरीके से आयोजित जी20 बैठक के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए जयशंकर ने कहा कि अफ्रीकी संघ, नौ अतिथि देशों और 11 अंतरराष्ट्रीय संगठनों सहित सभी 21 सदस्यों ने इसमें भाग लिया।

गाजा और यूक्रेन पर हुई ये बात

जयशंकर ने कहा कि बैठक में पश्चिम एशिया, गाजा की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई और कुछ हद तक यूक्रेन संघर्ष और उसके परिणामों पर भी विचार-विमर्श किया गया। यह डिजिटल शिखर सम्मेलन इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि पश्चिम एशिया में संघर्ष शुरू होने के बाद यह विश्व नेताओं की पहली बैठक थी। जयशंकर ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा कि कई नेताओं ने इसके बारे में बात की। आतंकवाद की निंदा की गई, नागरिकों के जीवन के नुकसान पर गहरी चिंता जताने के साथ समय पर और पर्याप्त मानवीय सहायता प्रदान करने, संघर्ष को फैलने न देने और फलस्तीन मुद्दे का दीर्घकालिक समाधान खोजने की दिशा में चर्चा की गई।’’ उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर जी20 सदस्यों ने बंधकों की रिहाई, गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने और कुछ समय के लिए संघर्ष विराम पर बनी सहमति का स्वागत किया। 
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