Economic Superpower India : चीन ने जो काम तीन दशक से भी पहले किया था, वो भारत अब कर रहा है। भारत ने 2014 और 2023 के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में लगभग 55,000 किलोमीटर जोड़ा है।
सीआईआई के मनोनीत अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि मौजूदा वक्त काफी दिलचस्प है, क्योंकि यह भारत का वक्त है। देश में कई नीतिगत हस्तक्षेप किए गए हैं और वैश्विक कारक हमें आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं।
India GDP Growth Rate : साल 2035 के बाद ग्रोथ रेट उच्चस्तर से धीरे-धीरे नीचे आएगी और औसतन यह अगले 23 साल 6.7 प्रतिशत रहेगी।
EAC -PM के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का तीसरी तिमाही में प्रदर्शन उम्मीद से अच्छा रहा है। अब हमें इसे बनाए रखने की जरूरत है।
एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के इस साल भी मजबूत रहने की उम्मीद जताई है और कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
World Bank on Indian Economy: वर्ल्ड बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर को अपने ताजा अनुमान में बढ़ाया है। 2024 के लिए जारी हुए नए अनुमान में 1.2 प्रतिशत का इजाफा किया गया है।
भारत की चीन से तुलना करने वालों की आलोचना करते हुए सीतारमण ने कहा कि कुछ चीजें उनसे दोहराई नहीं जा सकीं।
मूडीज का ताजा अनुमान नवंबर 2023 में जताये गये 6.6 प्रतिशत के अनुमान से 1.40 प्रतिशत अधिक है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 'दूरदर्शी प्रधानमंत्री' बताते हुए कहा कि वर्ष 2047 में आजादी के सौ साल पूरा होने तक भारत पूरी तरह से विकसित, आत्मनिर्भर और दुनिया की टॉप-तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा।
India GDP growth rate : विश्लेषकों की 6.6 प्रतिशत की उम्मीदों को पार करते हुए, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी।
ब्रेंडे ने कहा, भारत अच्छी स्थिति में है और समय के साथ अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भू-राजनीतिक संघर्षों से निपटने में भारत की भूमिका पर उन्होंने कहा कि हम आने वाले वर्षों में वैश्विक राजनयिक परिदृश्य पर भारत की बड़ी छाप देखेंगे।
उन्होंने कहा कि 35,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का मतलब है कि हमें करीब तीन दशकों तक 9-10 फीसदी की सालाना वृद्धि की जरूरत है और इसका मतलब है कि हमें लगातार नवाचार करने की जरूरत है।
चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के उम्मीदों से अधिक 7.3% की ग्रोथ रेट से आगे बढ़ने का अनुमान है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक ग्रोथ के 2022 के 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
Indian Economy की रफ्तार चालू वित्त वर्ष में कायम रहेगी। एनएसओ की ओर से जारी किए गए अनुमान में बताया गया है। वित्त वर्ष24 में भारत की जीडीपी 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत रही। जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। जबकि सितंबर तिमाही में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही। वैश्विक ग्रोथ के 2022 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। इनके बीच भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत वित्तीय प्रणाली के साथ वृहद आर्थिक मोर्चे पर मजबूती दिखा रही है। मजबूत वित्तीय प्रणाली वृद्धि को बढ़ावा दे रही है।
भारत के चालू खाते के घाटे में कमी आई है। यह मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कम होकर GDP का एक फीसदी यानी 8.3 अरब डॉलर रहा। वस्तुओं के व्यापार का घाटा कम होने तथा सेवा निर्यात बढ़ने से चालू खाते का घाटा कम हुआ है।
भारत इस समय डॉलर के मूल्य में 10.22 प्रतिशत की वार्षिक औसत दर से बढ़ा है। इस दर पर भारत की जीडीपी 2026 में 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर और 2027 में 5,500 अमेरिकी अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बेहतरीन नीतियों के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में भारत की 7.7 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि हासिल की है। इस पर खुद पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश की मजबूत होती अर्थव्यवस्था और पिछले 10 वर्षों में किए गए परिवर्तनकारी सुधारों का यह प्रतिबिंब है।
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार या वित्तीय संस्थानों के वित्तीय संसाधनों पर निर्भर हुए बिना भी कॉर्पोरेट क्षेत्र के पास इन निवेशों को करने और पुनर्संतुलन करने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। वैश्विक मंदी और मध्य पूर्व और यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के कारण उत्पन्न आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेश में मंदी आई है।
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