भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी में माल्टा के जहाज के अपहरण के प्रयासों के बाद बड़ा कदम उठाया है। अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी को निभाते हुए भारत ने विभिन्न देशों के जहाजों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए अदन की खाड़ी में अपना दूसरा मिसाइल विध्वंसक तैनात कर दिया है। भारत के इस कदम से दुश्मनों के घर खलबली है।
2 सितंबर 2002 को भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया जो कि विमान वाहक बनाने की क्षमता रखते हैं। यह कामयाबी देश में आईएनएस विक्रांत के निर्माण से मिली है।
भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य के एक हिस्से में आज सुबह आग लग गई। हालांकि इस आग पर नौसेनाकर्मियों ने तुरंत ही काबू पा लिया गया
नौसेना के विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य में आग लगने से नेवी के एक अधिकारी की मौत हो गई। हालांकि आग पर काबू पा लिया गया है।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर नौसेना ने विमानवाहक पोत विक्रमादित्य, परमाणु पनडुब्बियां और अन्य पोत तैनात किए थे।
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