इसरो ने हाल ही में अपना 100वां मिशन लॉन्च किया था, लेकिन इस मिशन में अब इसरो को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसरो को NVS-02 सैटेलाइट को मनचाहे ऑर्बिट में स्थापित करने के अपने मिशन में थ्रस्टर फेल होने की वजह से झटका लगा है।
IAF ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए Axiom मिशन 4 का पायलट नियुक्त किया गया है। NASA ने गुरुवार को ऐलान किया था कि SpaceX Dragon 2025 के वसंत के बाद ही उड़ान भरेगा।
इसरो आज सुबह अपने 100वें मिशन को लॉन्च कर दिया है। इसरो ने मिशन NVS-02 नेविगेशन सैटेलाइट का प्रक्षेपण किया, जो जीएसएलवी-एफ15 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से भेजा गया।
महाकुंभ के दौरान संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए दुनिया भर से करोड़ों लोग आ रहे हैं। मेला प्राधिकरण का अनुमान है कि मौनी अमावस्या के दिन 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम स्नान करेंगे।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3,985 करोड़ रुपये की लागत से तीसरा प्रक्षेपण स्थल स्थापित करने को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी, जिसे चार साल की अवधि के भीतर स्थापित करने का लक्ष्य है।
इसरो ने स्पेडेक्स मिशन के तहत अंतरिक्ष में दो सेटेलाइट्स की डॉकिंग का चौथा प्रयास किया। इसरो सूत्रों के मुताबिक, वैज्ञानिकों को इस प्रयास में कामयाबी मिल गई है।
इसरो का SpaDeX प्रोजेक्ट अपने लक्ष्य के करीब पहुंचने के बाद भी मिशन को पूरा नहीं कर पाया। आज ये तीसरी कोशिश थी। इससे पहले भी डॉकिंग प्रोसेस को दो बार टालना पड़ा था।
इसरो ने SpaDeX मिशन को लेकर बताया कि दोनों सेटेलाइट्स के बीच की दूरी को 15 मीटर तक और आगे 3 मीटर तक पहुंचाने का ट्रायल अटेम्प्ट सफल रहा है।
इसरो के नए चीफ अब वी. नारायण को बना दिया गया है। एस सोमनाथ अब रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में आइए इसरो के नए चीफ वी. नारायण के बारे में जानते हैं...
वी नारायणन इसरो के नए प्रमुख नियुक्त किए गए हैं। वह डॉ. एस सोमनाथ की जगह लेंगे। वी नारायणन अंतरिक्ष विभाग के सचिव का भी कार्यभार संभालेंगे।
ISRO ने अंतरिक्ष में लोबिया के बीजों को अंकुरित करने में सफलता हासिल की है। इस प्रयोग से वैज्ञानिकों को कम गुरुत्वाकर्षण में पौधों की वृद्धि समझने में मदद मिलेगी, जो लंबे स्पेस मिशनों में सहायक होगा।
इसरो ने SpaDeX Mission को लॉन्च करके नया कीर्तिमान रचा है। रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है, जिसके पास डॉकिंग करने की टेक्नोलॉजी है।
अंतरिक्ष में इसरो एक बार फिर धमाल करने वाला है। PSLV-C60 SpaDeX मिशन लॉन्च कर दिया गया है। मिशन सफल होने पर रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बनेगा जिसके पास स्पेस में डॉकिंग करने की टेक्नोलॉजी होगी।
महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई ने देश के अंतरिक्ष अनुसंधानों में अहम भूमिका निभाई। उन्हें भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का पितामह कहा जाता है।
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस महीने के अंत में लॉन्च होने वाले अपने अंतरिक्ष अभियान के जरिए इसरो एक और इतिहास रचने की तैयारी में है।
C20 क्रायोजेनिक इंजन ने सफलतापूर्वक एक बड़ा टेस्ट पास कर लिया है। यह इसरो के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
PROBA-3 दुनिया का पहला प्रेसिशन फॉर्मेशन फ्लाइंग सैटेलाइट है यानी यहां एक नहीं दो सैटेलाइट लॉन्च हुए हैं। ये सैटेलाइट सूर्य के बाहरी वातावरण के अध्ययन के लिए छोटी से छोटी जानकारी पृथ्वी पर भेजेंगे।
इसरो आज ROBA-3 मिशन लॉन्च करने वाला था, जो तकनीकी खराबी के कारण स्थगित कर दिया गया है। यह मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का है, जो सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा।
ISRO कल PROBA-3 मिशन लॉन्च करेगा। यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का मिशन है। PROBA-3 मिशन सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की मदद से एक अहम सैटेलाइट को लॉन्च किया है। जिस सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है उसे GSAT N-2 के नाम से जाना जाता है।
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