रालोद के मुखिया जयंत चौधरी ने कहा कि मानसिक दबाव बनाने के लिए यह एक्जिट पोल हो रहे हैं। पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि जितने भी टीवी चैनल के एक्जिट पोल हैं, ये एक राय है। मैं तो इससे सहमत नहीं हूं।
मोदी, योगी और शाह - BJP के बड़े नेता यूपी चुनाव को लेकर बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं। इसकी चर्चा BJP से ज़्यादा अखिलेश और जयंत चौधरी के कैंप में हो रही है। आखिर पश्चिमी यूपी में ऐसा क्या हुआ जिससे अखिलेश-जयंत कैंप में खलबली मच गई और BJP का कॉन्फिडेंस बढ़कर दोगुना हो गया ? देखिए यह रिपोर्ट।
जयंत चौधरी ने दावा किया कि प्रदेश में सपा-रालोद गठबंधन की सरकार बनने पर भेदभाव के सबके लिए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि इस बार चुनाव में चूक गए तो किसान हार जाएगा और फिर इस देश में कभी आंदोलन नहीं होगा।
जयंत चौधरी ने खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री की रैली रद्द होने संबंधी समाचार के साथ ही 'गूगल मौसम रिपोर्ट' का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें बिजनौर में धूप खिली दिखाई गई है।
जनसभा को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा, हम किसानों और युवा समाज के हर वर्ग की लड़ाई लड़ने का कार्य कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का गुरुवार को बुलंदशहर में आमना-सामना हुआ।
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें युवाओं, किसानों और रोजगार सृजन के लिए ‘कुछ भी नहीं’ है।
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के मुखिया जयंत चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर करारे तंज कसे। उन्होंने भाजपा को किसान, गरीब, मजदूर, युवा, व्यापारी आदि की विरोधी पार्टी बताते हुए उसे दोबारा सत्ता में न आने देने की अपील की।
योगी आदित्यनाथ मेरठ और गाजियाबाद में प्रचार करेंगे जबकि अपर्णा यादव रायबरेली में अदिति सिंह के लिए वोट मांगेंगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस्तीफा देने वाले मंत्री अब झूठ बोल रहे हैं। बीजेपी छोड़ने वाले नेता अतृप्त आत्मा हैं। बीजेपी छोड़ने वाले नेताओं की सोच परिवारवादी है। पार्टी छोड़ने वाले परिवार के लिए टिकट चाहते थे।
इस बार पश्चिमी यूपी में किसकी हवा है। क्या योगी 2017 का परफॉर्मेंस दोहरा पाएगे या अखिलेश जयंत की जोड़ी गेम चेंजर साबित होगी। आज योगी और अखिलेश दोनों ने पश्चिमी यूपी में अपना प्रचार किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जहां मेरठ के हस्तिनापुर से अखिलेश सरकार पर हमला किया, वहीं अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने मुज़फ़्फ़रनगर से लाल टोपी और लाल पोटली दिखा कर योगी सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाया। पहले आपको सुनाते हैं किस तरह सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार पर कांवड़ यात्रा रोकने, दंगाइयों को गले लगाने और मुकदमें वापस लेने का आरोप लगाया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर कोई शिकायत है तो वो उनसे लड़ सकते हैं, लेकिन भाजपा से कोई नाराजगी नहीं रखनी चाहिए। जयंत चौधरी को लेकर जाटों के मन में सॉफ्ट कार्नर को देखते हुए शाह ने यह भी कहा कि जयंत ने इस बार गलत घर चुन लिया है।
शाह ने कहा कि अगर कोई शिकायत है तो वो उनसे लड़ सकते हैं , लेकिन भाजपा से कोई नाराजगी नहीं रखनी चाहिए। अखिलेश यादव को बाहरी बताते हुए जाट नेताओं से शाह ने यह भी कहा कि घर की लड़ाई में बाहर वालों को क्यों लाते हो ?
आमतौर पर नेता और कार्यकर्ता तब तक आपस में लड़ते हैं जब तक टिकट फाइनल नहीं हो जाता लेकिन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होने के बाद बगावत होना अच्छे संकेत नहीं हैं।
अवतार सिंह भड़ाना ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण की थी।
राष्ट्रीय लोकदल के एक नेता ने कहा, हम गठबंधन में जूनियर पार्टनर हैं, लेकिन पश्चिम यूपी में मजबूत हैं और इस क्षेत्र में दबदबा रखते हैं।
पहले चरण के तहत आज से 21 जनवरी तक पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया चलेगा। 11 जिलों पर एक नजर दें तो इसमें शामली, मेरठ, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद, मधुरा, आगरा, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, मुजफ्फरनगर और बुलंदशहर शामिल है।
जयंत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदी जी ने कहा था कि वर्ष 2022 तक हम किसानों की आय दोगुनी कर देंगे अब 2022 आने में सिर्फ आठ दिन बचे हैं। क्या किसी किसान की आय दोगुनी हुई है?"
अखिलेश यादव भी इस रैली में शामिल होने वाले थे, लेकिन परिवार के कुछ सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने की वजह से उन्होंने खुद को सार्वजनिक कार्यक्रमों से अलग रखने का फैसला किया है।
यूपी चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। आज अलीगढ़ में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी साथ मिलकर रैली कर रहे हैं और शक्ति प्रदर्शन भी।
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