अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय मूल की अधिकारी को रक्षा विभाग में अहम पद से नवाजा है। राष्ट्रपति बाइडन के प्रशासन में कई अन्य भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं।
अमेरिका ने चालबाज चीन से अर्जेंटीना को सावधान रहने के बात कहकर बखेड़ा खड़ा कर दिया है। चीन अमेरिकी अधिकारियों की इस चेतावनी को गंभीरता से लिया है और अर्जेंटीना को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिका के लिए आयरलैंड से प्रस्थान करने से पूर्व मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस बारे में उन्होंने पहले ही मन मानस बना लिया है। वे जल्दी ही इस बारे में घोषणा करके जानकारी देंगे।
आयरलैंड में इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की एक झलक पाने के लिये शुभचिंतक सड़कों पर कतारबद्ध नजर आए। बाइडन के मुस्कुराते हुए चेहरे वाली तस्वीरें यहां दुकानों की खिड़कियों पर लगी हुई हैं, और एक प्रशंसक ने पोस्टर ले रखा था, जिस पर लिखा था, “2024 - मेक जो प्रेसिडेंट अगेन”।
इससे पहले भी जो बाइडेन बोल चुके हैं कि उनका इरादा है कि वे दूसरी बार राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लें। लेकिन इसका फैसला वे परिवार से सलाह मशवरा लेने के बाद ही करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति गुड फ्राइडे शांति समझौते की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आएंगे। वहीं ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक के साथ बाइडन की मुलाकात होगी। यह मुलाकात कई मायनों में अहम होगी।
व्हाइट हाउस ने गुरुवार को अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के संबंध में 12 पन्नों को एक दस्तावेज जारी किया है। इस डॉक्यूमेंट में वे कंडीशंस बताई गई हैं जिनके कारण अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने का निर्णय व्हाइट हाउस ने लिया। इस रिपोर्ट में ट्रंप प्रशासन को ऐसी स्थितियों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है और कहा गया कि यह
रूस यूक्रेन युद्ध का 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई अंत होता दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में दुनिया पहले से ही तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से घबरा रही है। मगर अब विश्व के 1 बड़े नेता ने यह भविष्यवाणी कर दी है कि दुनिया को वर्ष 2024 के पहले ही तीसरा विश्व युद्ध झेलना पड़ सकता है।
अमेरिका में 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की चुनौती लगातार बढ़ती ही जा रही है। उनकी पार्टी से एक और नेता ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी का दावा ठोक दिया है। ऐसे में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की राह और भी मुश्किल होती जा रही है।
नेतन्याहू और उनके सहयोगियों ने उनकी सरकार गठित होने के कुछ दिन बाद ही जनवरी में न्यायिक बदलाव की घोषणा की थी, जिसने इजरायल को पिछले कुछ दशकों के सबसे गंभीर घरेलू संकट में धकेल दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने नैशविले में स्कूल की शूटिंग को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया और कहा कि बंदूक की हिंसा देश की 'आत्मा' को तहस-नहस कर रही है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने भारतीय भागीदारों के साथ हमारे संबंधों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि कानून और शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम से अब 90 दिनों के अंदर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की फाइलों में इस बारे में दर्ज जानकारियां सामने आ जाएंगी। इस कवायद से जो खुफिया जानकारी उजागर की जाएगी उसमें वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और कोरोना वायरस रोग की उत्पत्ति के बीच संभावित लिंक से जुटी जानकारी भी होगी।
पिछले हफ्ते सीनेट की विदेश मामलों की समिति ने अपनी कार्य मंत्रणा बैठक में 8 के मुकाबले 13 मतों से गार्सेटी के पक्ष में मतदान किया था।
इस आदेश के प्रभावी होने से अब बंदूक खरीदने वाले व्यक्ति की पिछली पृष्ठभूमि की और अधिक बारीकी से जांच की जा सकेगी। राष्ट्रपति बाइडेन ने बंदूक हिंसा पर जानकारी देते हुए कहा, बंदूक खरीदने से पहले यह जांचना सामान्य बात है कि क्या वह कोई गुंडागर्दी या घरेलू दुर्व्यवहार करने वाला है।
ये टक्कर उस वक्त हुई जब अमेरिका का रीपर ड्रोन और रूस के दो सुखोई फाइटर जेट ब्लैक सी के ऊपर इंटरनेश्नल सी बाउंड्री में चक्कर लगा रहे थे। अमेरिका ने दावा किया है कि इस टक्कर में उनका ड्रोन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अमेरिकी सेना का ये भी दावा है कि टक्कर के बाद रूसी फाइटर जेट भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।
सोमवार के दिन सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने पर एक ब्रीफिंग के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहुंचे थे। इस दौरान उनसे सिलिकॉन वैली बैंक और देश के बैंकिंग सिस्टम के धराशायी होने को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में ही छोड़ दिया।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी लोगों और कारोबारियों को यह विश्वास करना चाहिए कि जब उन्हें उनकी जमा पूंजी की आवश्यकता होगी तो वे उसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
इस यात्रा के दौरान जो बाइडेन ने यूक्रेन को आर्थिक सहायता देने की भी बात कही थी। वहीं बाइडेन ने इस यात्रा को काफी गुप्त रखा गया। लेकिन जैसे ही वे कीव की धरती पर उतरे की सभी को उनके आने की जानकारी मिल गई।
चीन को आखिर अमेरिका से ऐसा क्या खतरा सता रहा है कि उसकी आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं। चीन ने कहा है कि उसे नियंत्रित करने का अमेरिकी प्रयास कभी सफल नहीं होगा। इसका मतलब क्या अमेरिका चीन पर नियंत्रण करना चाह रहा है, अगर नहीं तो चीन ने यह बयान किस लिए दिया है?...यह सब जानने के लिए आपको मामले के तह तक जाना होगा।
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