उत्तर प्रदेश में कावंड़ यात्रा को लेकर राज्य की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। यूपी में इस साल भी कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया गया है।
राजस्थान सरकार ने भारत के कई राज्यों में श्रावण मास में आयोजित होने वाली पवित्र कावड़ यात्रा सहित सभी धार्मिक जुलूसों को स्थगित कर दिया है।
राजस्थान में अनलॉक को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन में कांवड यात्रा व किसी तरह के जुलूस पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा ईद उल ज़ुहा त्योहार पर किसी भी तरह की भीड़ या इकट्ठा होकर इबादत पर भी रोक लगा दी गई है।
कांवड़ यात्रा को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर करके कहा है कि राज्य सरकारें कांवड़ यात्रा को अनुमति ना दें।
इस साल की कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर कहा है कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने कांवड़ यात्रा की अनुमति का विरोध किया है।
यूपी सरकार का दावा है कि कोरोना के मामलों में काफी तेजी से गिरावट आई है और टीकाकरण तेजी से हो रहा है।
उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के ‘‘चिंतित करने वाले’’ फैसले का बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया और इस मामले पर ‘‘अलग-अलग राजनीतिक मत होने के मद्देनजर’’ केंद्र, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड की सरकारों से जवाब मांगा।
उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को COVID-19 की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए वार्षिक 'कांवर यात्रा' को रद्द करने का फैसला किया। हालांकि, 25 जुलाई से शुरू होने वाली यात्रा को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के चिंतित करने वाले फैसले का स्वत: संज्ञान लिया और केंद्र, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड की सरकारों से इस मामले पर जवाब मांगा।
यूपी में कांवड़ यात्रा' की इजाज़त देने पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान.यूपी सरकार को जारी किया नोटिस..16 जुलाई को होगी सुनवाई.
कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर की आशंका के बीच, उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया | वहीं उत्तर प्रदेश वार्षिक अनुष्ठान के साथ आगे बढ़ रहा है | जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है |
कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ा फैसला किया है.कोरोना महामारी के चलते इस साल कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी गई है
कांवड़ यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से कांवड़िए उत्तराखंड जाते हैं और वहां से कांवड़ में गंगाजल भरकर अपने अपने घरों को वापस आते हैं।
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी के सामने ऐसे समय में कई चुनौतियां हैं, जब विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय बचा है। देखिए उन्होंने इंडिया टीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में क्या कहा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड यात्रा सिर्फ उत्तराखंड में नहीं होती है, ये यूपी, हरियाणा, मध्य प्रदेश और दिल्ली से भी जुड़ी है। इन राज्यों के साथ बातचीत के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
लगभग 10-15 दिन तक चलने वाली कांवड़ यात्रा का इस साल 25 जुलाई से शुरू होनी थी और 6 अगस्त तक चलनी थी लेकिन कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा देखते हुए राज्य सरकार ने इसे रद्द करने का फैसला किया है।
पिछले महीने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच इस कांवड़ यात्रा को निरस्त करने पर सहमति बनी थी।
वार्षिक यात्रा जो हरिद्वार में कांवरियों की एक विशाल मण्डली को पवित्र गंगा जल एकत्र करने के लिए देखी जाती है, उसे कोरोनोवायरस महामारी को देखते हुए इस वर्ष रद्द कर दिया गया |
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा ने संयुक्त रूप से निर्णय लेते हुए 6 जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है।
कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। हरिद्वार में बड़ी संख्या में कांवड़ियों को एकत्र होने से रोकने के लिए संतों और महात्माओं ने भी यात्रा रद्द करने का समर्थन किया है।
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