If The Sun Disappears: 1 दिन में पूरे 24 घंटे होते हैं। दिन-रात मिलाकर पूरे 24 घंटे गुजरते हैं। जब रात होती है तो अगले दिन सुबह होने की इंतजार रहती है। आपने कभी सोचा है कि अगर सुबह कल हो ही ना।
Nasa: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में मंगल की सतह की कई अनोखी तस्वीरें जारी की हैं। इसमें इस मंगल ग्रह पर बने गड्ढे की तस्वीर लोगों का ध्यान खींचा है. दरअसल, यह क्रेटर देखने में इंसान के कान जैसा है।
NASA Mars: जब अंतरिक्ष से मंगल पर एयरक्राफ्ट उतरता है, तो उसकी गति 19,312 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। जो मंगल के वातावरण के कारण घर्षण की वजह से अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करता है।
आज तक, सैटेलाइट और रॉकेटों के मलबे से पृथ्वी की सतह (या वायुमंडल में हवाई यातायात) को नुकसान पहुंचने की संभावना को नगण्य माना गया है। ऐसे अंतरिक्ष मलबे के अधिकांश अध्ययनों ने निष्क्रिय सैटेलाइट द्वारा कक्षा में उत्पन्न जोखिम पर ध्यान केंद्रित किया है, जो कार्यशील सैटेलाइट के सुरक्षित संचालन में बाधा डाल सकता है।
मंगल पर मौजूद घाटी अमेरिका के ग्रैंड कैन्यन से 20 गुना बड़ी है। ग्रैंड कैन्यन की लंबाई 445 किलोमीटर है, जबकि इसकी चौड़ाई 28 किलोमीटर है। यूरोप के अल्प्स की पहाड़ियों पर मौजूद सबसे ऊंचा पहड़ा माउंट ब्लांक समुद्र तल से 15,000 फीट ऊंचा है।
यूरेनस का केवल एक हिस्सा सूर्य की ओर रहता है। यह सूर्य से अधिक दूर नहीं है, फिर भी यह एक ठंडा ग्रह है। हालांकि 1986 में मानव निर्मित मशीन वोयागर-2 अंतरिक्ष यान इसके करीब से गुजरा था।
जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी और काजिमा कंस्ट्रक्शन एक ग्लास बनाने वाले हैं। इसका मतलब है कि इंसान एक आर्टिफिशियल स्पेस हैबिटेट में रहेगा। जिसकी ग्रैविटी पृथ्वी के बराबर होगी।
ज्योतिष में मंगल का विशेष स्थान है। मंगल के इस राशि परिवर्तन से कुछ राशि वालों को लाभ होगा तो कुछ राशि वालों को नुकसान होने की संभावना है। जानिए मंगल के मेष राशि में आने से कैसा रहेगा सभी राशियों का हाल।
ज्योतिषी चिराग बेजान दारूवाला से जानते हैं कि मंगल के मेष राशि में गोचर से किन 4 राशियों को धनलाभ होने वाला है।
26 मार्च 2022 को मंगल ने मकर राशि में गोचर किया था। इस राशि में पहले से शनि का गोचर चल रहा था, और शनि-मंगल का साथ होना युद्ध जैसा होना था। अब मंगल के कुंभ राशि में गोचर से विश्व शांति स्थापित होगी।
मंगल के तुला राशि में प्रवेश से किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जानिए।
चीन के ‘नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर कहा कि झुरोंग ने अपना 90 दिन का कार्यक्रम 15 अगस्त को पूरा किया और वह बेहतरीन तकनीकी स्थिति में तथा पूरी तरह चार्ज है। इसने कहा कि रोवर यूटोपिया प्लैनिटिया के नाम से जाने जाने वाले क्षेत्र का पता लगाना जारी रखेगा जहां यह 14 मई को उतरा था।
चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने इसकी यान के मंगल ग्रह पर उतरने की पुष्टि की है। तियानवेन-1 (Tianwen-1) नाम के इस यान को चीन ने 23 जुलाई 2020 को लॉन्च किया था।
नासा के प्रायोगिक मंगल हेलीकॉप्टर ने 19 अप्रैल को धूलभरी लाल सतह से पहली उड़ान भरी थी और किसी अन्य ग्रह पर पहली नियंत्रित उड़ान की उपलब्धि हासिल की। इस घटनाक्रम की तुलना राइट ब्रदर्स के प्रयोग से की जा रही है।
हाल में मंगल की सतह पर उतरे नासा के रोवर ने इस सप्ताह लाल ग्रह पर अपने पहले प्रायोगिक मुहिम में 21 फुट की दूरी तय की। मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना तलाशने की मुहिम के तहत पर्सेवियरेंस रोवर ग्रह की सतह पर उतरने के दो सप्ताह बाद अपने स्थान से कुछ दूर चला।
18 फरवरी को मंगल ग्रह पर लैंड करने वाले Perseverance Rover ने रच दिया इतिहास
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने अपने पर्सिवियरेंस रोवर को सफलतापूर्वक जेजेरो क्रेटर पर लैंड कराया है। यह मंगल ग्रह का एक बेहद दुर्गम इलाका है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। NASA का पर्सविरन्स रोवर धरती से टेकऑफ करने के 7 महीने बाद कल आधी रात को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड हो गया। भारतीय समय के अनुसार रात 2 बजकर 25 मिनट पर इस मार्स रोवर ने लाल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड किया। रोवर की मंगल की सहत पर उतरते ही नासा की कैलिफोर्निया स्थित लेबोरेटरी में प्रोजेक्ट पर काम रहे लोग खुशी से उछल पड़े।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। NASA का पर्सविरन्स रोवर धरती से टेकऑफ करने के 7 महीने बाद कल आधी रात को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड हो गया।
ग्रह विज्ञानियों को यह तो ज्ञात है कि मंगल पर कम से कम 3.7 अरब वर्षों से पानी है। लेकिन उल्कापिंड की खनिज संरचना से, मिकोची और उनकी टीम ने खुलासा किया कि यह संभव है कि पानी करीब 4.4 अरब साल पहले मौजूद था।
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