आपको बता दें कि आरबीआई ने कोरोना महामारी के बाद से रेपो रेट में 250 आधार अंकों तक की बढ़ोतरी की है। वहीं, आरबीआई ने फरवरी 2023 से रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है क्योंकि मुद्रास्फीति काफी हद तक बैंक के 2% -6% लक्ष्य सीमा के भीतर रही है। ऐसे में इस बार भी उम्मीद कम है कि रेपो रेट में कोई बदलाव हो।
सबसे अधिक 8,086 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि भारतीय स्टेट बैंक में जमा है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 5,340 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि है।
यूपीआई के जरिये भुगतान जनवरी में मासिक आधार 1.3 प्रतिशत बढ़कर करीब 13 लाख करोड़ रुपये रहा है। दास ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक 12 शहरों में क्यूआर कोड आधारित ‘कॉइन वेंडिंग मशीन को लेकर पायलट परियोजना शुरू करेगा।
मौद्रिक समित के गठन के बाद यह पहली बार है जब आरबीआई ने इस तरह की विशेष बैठक बुलाई है। साल 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के लिए एमपीसी का गठन किया गया था।
ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन कई ऐसी घोषणाएं की है जो आम आदमी की चिंता बढ़ाने वाली है।
आरबीआई ने अपनी मौद्रिक समीक्षा में कहा है कि खुदरा महंगाई दर (CPI) चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 5.3% रहने का अनुमान है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है।
फिलहाल रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर है। यदि आरबीआई शुक्रवार को नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रखता है, तो यह लगातार आठवीं बार होगा जब ब्याज दर अपरिवर्तित रहेगी।
द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक इसी सप्ताह होनी है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार मई, 2020 में रेपो दर को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया था।
MPC की तीन दिवसीय बैठक 5 अप्रैल को शुरू हुई थी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 फरवरी को नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था।
MPC की तीन दिवसीय बैठक 5 अप्रैल को शुरू हुई थी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 फरवरी को नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था।
रिजर्व बैंक की नव-गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार (7 अक्टूबर) को अपनी तीन-दिवसीय बैठक की शुरुआत की। समिति के बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को होगी।
आरबीआई ने सोमवार (28 सितंबर) को कहा कि उसने इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक को टालने का फैसला किया है और नई तारीखों की घोषणा शीघ्र की जाएगी।
RBI Governor shaktikanta das announced monetary policy decision, know everything
समिति छह अगस्त को बैठक के नतीजों की घोषणा करेगी
सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंकर ने कहा कि इस समय प्रणाली में पर्याप्त नकदी है और दरों में कटौती को आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में दरों में और कटौती से कोई मकसद पूरा नहीं होगा।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा है कि आरबीआई अकेले मुद्रास्फीति को नियंत्रित नहीं कर सकता क्योंकि आपूर्ति मामलों को सरकार द्वारा प्रबंधित करने की जरूरत है।
पॉलिसी समीक्षा में रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को लेकर कई अनुमान जारी किए हैं।
दास ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार पांच फरवरी तक सालाना आधार पर 58 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 471.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
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