रिजर्व बैंक (RBI) इस बुधवार को अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर वर्तमान स्तर पर ही बनाए रख सकता है तथा उसका ध्यान महंगाई नियंत्रण पर केंद्रित रहने की संभावना है
देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा ब्याज दरों पर किए जाने वाले फैसले पर रहेगी।
विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति अगली समीक्षा बैठक में नीतिगत दर को शायद ही कम करे।
RBI की मौद्रिक नीति समिति की अक्टूबर में हुई बैठक की जानकारियों से पता चलता है कि दिसंबर की बैठक में भी नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम और बहाय एवं वित्तीय मोर्चे पर अनिश्चितता की वजह से मौद्रिक नीति की समीक्षा में RBI ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं कर सका।
सरकार को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती करेगा।
RBI की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा और सप्ताह के दौरान जारी होने वाले वृहद आर्थिक आंकड़ों से आने वाले सप्ताह के दौरान शेयर बाजार की चाल तय होगी।
RBI की तरफ से ब्याज दरों में कटौती होती है तो त्योहारी सीजन को देखते हुए बैंक, होम लोन और ऑटो लोन की दरों को घटाने में देर नहीं करेंगे
सरकार ने लघु बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ, किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना के लिए अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्त वर्ष 2017-18 में बाकी बची अवधि के लिए नीतिगत दर को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है।
RBI की ब्याज दरों में कटौती के बाद आपकी कार और होम लोन की EMI घटने की पूरी संभावना है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल आज द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति पेश करेंगे। आज आरबीआई रेपो रेट में चौथाई फीसदी की कटौती की घोषणा कर सकती है।
2 अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकता है।
महंगाई दर के न्यूनतम स्तर पर आने तथा औद्योगिक वृद्धि के 2% से नीचे जाने के कारण RBI पर मौद्रिक नीति में बदलाव लाने और नीतिगत दर में कटौती का दबाव बढ़ा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत समीक्षा से पहले वित्त मंत्रालय के चर्चा के आग्रह को खारिज कर दिया।
RBI बुधवार ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, लेकिन उसके महंगाई के अनुमान में कटौती करने का ऐलान कर सकता है। ऐसे में महंगाई घटने से ब्याज दरें कम हो सकती है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख दरों को स्थिर रख सकता है
रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2017-18 की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि सेंट्रल बैंक ने रिवर्स रेपो को बढ़ा दिया है।
महंगाई बढ़ने, वैश्विक गतिविधियों को देखते हुए RBI गुरूवार को 2017-18 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (ब्याज) में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत समीक्षा और वृहद आर्थिक आंकड़ें शेयर बाजार के कारोबार का रूख तय करेंगे।
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