प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के मंत्री दादा भूसे ने अजीबोगरीब बयान दिया है। भूसे ने कहा कि दो-चार महीने लोग प्याज नहीं खाएंगे तो क्या होगा।
दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 37 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो पिछले साल इसी दिन 28 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
सरकार ने इस साल तीन लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाए रखा है। उसने पिछले सप्ताह से थोक बाजार में प्रमुख स्थानों पर इसका निपटान शुरू कर दिया है।
टमाटर के बढ़ते दाम लोगों के लिए आफत बने हुए हैं। इस बीच सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने की दिशा में अहम फैसला लिया है। दरअसल सरकार ने प्याज निर्यात पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी है।
Tomato and Onion Price: देश में अभी भी टमाटर का रेट अपने ऑल टाइम हाई पर चल रहा है। अब प्याज की कीमतों में बदलाव को लेकर बड़ी खबर आ गई है।
जमीनी स्तर पर बातचीत से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार खुदरा बाजार में सितंबर की शुरुआत से कीमतों में अच्छी-खासी वृद्धि होने की आशंका है और यह 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है।
नाशिक के येवला तालुका में किसान ने प्याज को आग से जलाकर होलिका दहन किया है। किसान ने करीब डेढ़ एकड़ खेत में लगी प्याज को आग लगा दी।
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की प्रति किलो कीमत घटकर दो से चार रुपये प्रति किलो रह गई है।
एक ऐसा ही मामला महाराष्ट्र के सोलापुर में देखने को मिला था। यह मामला बरशी तहसील निवासी 63 वर्षीय किसान राजेंद्र चव्हाण का है। चव्हाण पिछले सप्ताह 5 कुंतल प्यार लेकर सोलापुर बाजार में पहुंचे। इस दिन एक रूपये प्रतिकिलो के भाव से प्याज की कीमत मिली।
महाराष्ट्र के नासिक में प्याज की खेती करने वाले किसानों ने धमकी दी है कि हम अपने बच्चों के लिए एक 10 रुपये की चॉकलेट नहीं खरीद सकते। प्याज के दाम नहीं मिल रहे, हम कैसे जीएं। सरकार हमें आत्महत्या करने की इजाजत दे।
कर्नाटक की यशवंतपुर कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में कुछ दिन पहले प्याज की कीमतें घटकर 2 से 10 रुपये प्रति किलो के बीच आ गई थीं।
प्याज का दाम फिर आसमान चढ़ गया है। देश की राजधानी दिल्ली और आसमपास के इलाके में प्याज का खुदरा भाव बीते तीन सप्ताह से 50 रुपये के करीब चल रहा है, जो अब 60 रुपये से उपर चला गया है।
सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर लगाई गई रोक को अगले साल एक जनवरी से हटाने का फैसला किया है।
कृषि मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों को लेकर आम लोगों में चिंता है। इसको देखते हुए प्याज आयात के नियमों में दी गयी ढील को 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है।
देश में प्याज का उत्पादन फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में पिछले साल से 17 फीसदी ज्यादा होने पर भी घरेलू आपूर्ति का टोटा हो गया है और प्याज घरेलू खपत के मुकाबले आपूर्ति की कमी दूर कर इसकी कीमतों को काबू में रखने के लिए भारत को विदेशों से प्याज मंगाना पड़ रहा है।
नाफेड ने कहा कि इस बार उसने प्याज की गुणवत्ता और आकार पर खासतौर से जोर दिया है, जो भारतीय उपभोक्ताओं की पसंद से मेल खाता हो।
राजस्थान के उदयपुर और पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के रामपुरहाट में प्याज की कीमत सबसे कम 35 रुपये किलो है। राष्ट्रीय राजधानी में प्याज का खुदरा मूल्य 65 रुपये किलो, कोलकाता में 70 रुपये किलो और चेन्नई में 72 रुपये किलो रहा है।
महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज उत्पादकों और व्यापारियों से बातचीत करते हुए पवार ने बुधवार को कहा कि निर्यात प्रतिबंध और व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा को हटाने के लिए एक वृहद नीति की जरूरत है।
इंडिया टीवी से बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि नेफेड के पास पर्याप्त मात्रा में प्याज उपलब्ध है।
बिहार चुनाव के बीच सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने महंगाई को मुद्दा बनाने की कोशिश की।
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