राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद जारी है। एक तरफ जहां शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेताओं के साथ मैराथन मीटिंग की वहीं दूसरी ओर कांग्रेस-एनसीपी नेताओं के बीच भी समन्वय बैठक हुई जिसमें सरकार बनाने को लेकर कॉमिन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हुई।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में जनता के जनादेश को स्वीकार किया और बीजेपी के महाजनादेश पर हमला बोला।
शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोई भी राजनीतिक दल कभी भी पूरी तरह खत्म नहीं होता। यह कह कर पार्टी ने राकांपा नेता रोहित पवार के इस कथन से एक तरह से सहमति जताई है कि भाजपा अपने फायदे-नुकसान के हिसाब से उनके नाना शरद पवार की तारीफ और बुराई करती है।
शिवसेना के मुताबिक मुसलमानों को खुश रखने के लिए कश्मीर में विधानसभा की ज्यादा सीटें रखी गई हैं। बता दें कि मोदी सरकार अब जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन पर विचार कर रही है।
संपादकीय में कहा गया है कि "आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी।"
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा है कि मुंडे के बयान का दूसरा अर्थ यह लगाया जा सकता है कि सरकार मराठा आरक्षण की फाइल को लटकाए रखना चाहती है।
शिवसेना ने कहा, उत्तर प्रदेश के ढोंगी मुख्यमंत्री ने चुनाव अभियान के लिए पालघर का दौरा किया और कहा कि शिवसेना ने भाजपा की पीठ में खंजर घोंपा...
राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की तैयारी को ‘औरंगजेब राज’ करार दिए जाने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर शिवसेना ने कटाक्ष किया और कहा कि ‘इस बयान का मतलब यह है कि मोदी मानते हैं कि राहुल उनके प्रतिस्पर्धी हैं और नेतृत्व करने में सक्षम हो गए
केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल की शिवसेना ने राजनीतिक आवश्यकता के तौर पर बताते हुए सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने के बाद भी उसमें प्रयोग जारी हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' का उनकी आलोचना करने वाला वह संपादकीय 'फर्जी खबरों' पर आधारित है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने कहा है कि 23 अगस्त के उप चुनाव में हारने का उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा
बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) में दो दिन पहले भाजपा के पार्षदों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए थे और शिवसेना के पार्षदों ने जवाब में 'चोर है-चोर है' का नारा लगाया था। इस घटना का उल्लेख करते हुए संपादकीय में लिखा गया कि जिन्होंने (भाजपा ने) सेना के शेरों क
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