नरेंद्र मोदी अधिकारियों की चेतावनी के बाद भी नहीं रुके, घटनास्थल का दौरा किया और अस्पताल जाकर मरीजों से भी मिले।
अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की तरफ से गोलीबारी होती देख सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की।
बाबू राम एक बार लाल चौक में नागरिकों को सुरक्षित रूप से निकालते समय आतंकियों से मुठभेड़ में घायल हो गये थे लेकिन स्वस्थ होने के बाद फिर सेवा में आ गये थे।
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि गिरफ्तार किये गए आरोपी लश्कर के कमांडरों के संपर्क में थे और उन्हें आश्रय और परिवहन की सुविधाएं मुहैया करवा रहे थे।
महबूबा ने सीमावर्ती जिले राजौरी में युवा सम्मेलन में कहा, आपको स्थिति को समझना होगा और हमारी आवाज बनना होगा।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि जब कोई स्थानीय लोगों और आतंकवादियों के बीच आता है तो वे परेशान हो जाते हैं।
इससे पहले पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों के साथ 2 मुठभेड़ों में 5 आतंकवादी मारे गए थे।
कुछ मजदूरों ने बताया कि उनकी मजदूरी का भुगतान हो गया है वहीं कुछ ने कहा कि उनके नियोक्ताओं ने बिना बकाया मजदूरी का भुगतान किए उन्हें घाटी से जबरन भगा दिया।
महबूबा ने कहा, हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली सरकार जिम्मेदार है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर के लोग विकास चाहते हैं, आतंकवाद नहीं चाहते हैं।
बिंद्रू एक जाने-माने कश्मीरी पंडित व्यवसायी थे, जो नब्बे के दशक के दौरान उग्रवाद की शुरुआत के दौरान भी घाटी छोड़कर नहीं गए थे।
68 वर्षीय माखनलाल पिछले 31 वर्षों से हर अमीर-गरीब की मदद कर रहे थे और जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क दवा देते थे।
कश्मीरी पंडित समुदाय से बिंदरू उन कुछ लोगों में शामिल थे जिन्होंने 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद शुरू होने के बाद पलायन नहीं किया। वह अपनी पत्नी के साथ यहीं रहे और लगातार अपनी फार्मेसी बिंदरू मेडिकेट को चलाते रहे।
सूत्रों के मुताबिक, ये तीनों आतंकी बड़ी वारदात कर पंजाब को दहलाने की फिराक में थे।
पाकिस्तानी फौज ने सोमवार को बताया कि उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली इलाके में खुफिया जानकारी के आधार पर एक अभियान चलाया गया था।
वहीं, एक अन्य घटना में संदिग्ध आतंकियों ने कुलगाम के निहामा इलाके में एक बिहारी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार इस आतंकी माड्यूल के पीछे पाकिस्तान में बैठा प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख लखबीर सिंह रोडे और कासिम का हाथ है।
ठाकुर ने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक टीम का गठन किया।
इस समूह के पांचवें सदस्य मोहम्मद नबी उमरी को हाल में पूर्वी खोस्त प्रांत का गवर्नर नियुक्त किया गया। तालिबान फाइव नेताओं को 2014 में ओबामा प्रशासन ने रिहा किया था। फाजिल और नूरी पर 1998 में शिया हजारा, ताजिक और उज्बेक समुदायों के नरसंहार का आदेश देने का आरोप है।
अधिकारी ने कहा कि तीनों लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष संगठन द रेसिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) से जुड़े थे। टीआरएफ के स्वयंभू प्रमुख अब्बास शेख और उप प्रमुख साकिब मंजूर सोमवार को शहर के आओची बाग इलाके में गोलीबारी में मारे गए।
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