अमेरिका में मुद्रास्फीति के बढ़ते स्तर से परेशान फेडरल रिजर्व के इस कदम की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल बैंक ने दो दिन चली बैठक के बाद ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की है।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि अमेरिकी वित्त विभाग को भारत को ‘मुद्रा में गड़बड़ी करने वाला’ नहीं बताना चाहिए।
साल 2013 में राजन आरबीआई के प्रमुख ऐसे समय में बने थे, जब रुपया की कीमत गिरती जा रही थी और महंगाई उफान पर थी। अफसोस कि दो अंकों की मुद्रास्फीति पर काबू पाने के बावजूद उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं दिया गया। राजन ने पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरें
बैरन मैगजीन ने कहा है कि रघुराम राजन अमेरिकी सेंट्रल बैंक के चेयरमैन के पद के लिए एक आदर्श चुनाव होंगे। अमेरिका में जल्दी नए फेड चेयरमैन का नाम घोषित होगा
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