Friday, March 29, 2024
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अगला श्रीलंका बनने की कगार पर खड़ा इजरायल, महंगाई ने तोड़ा 14 वर्षों का ये रिकॉर्ड

Inflation Uncontrollable in Israel: वर्ष 2022 दुनिया के कई देशों के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है। यह वर्ष पाकिस्तान से लेकर वेनेजुएला और श्रीलंका की आर्थिक हालत खराब कर चुका है। अब इस वर्ष ने जाते-जाते इजरायल में भी खतरे की घंटी बजा दी है। सरकारी आंकड़े इजरायल की भयावह तस्वीर दिखा रहे हैं।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: December 16, 2022 20:51 IST
इजरायल (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP इजरायल (प्रतीकात्मक फोटो)

Inflation Uncontrollable in Israel: वर्ष 2022 दुनिया के कई देशों के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है। यह वर्ष पाकिस्तान से लेकर वेनेजुएला और श्रीलंका की आर्थिक हालत खराब कर चुका है। अब इस वर्ष ने जाते-जाते इजरायल में भी खतरे की घंटी बजा दी है। सरकारी आंकड़े इजरायल की भयावह तस्वीर दिखा रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से दुनिया के बड़े-बड़े देश भी मंदी की भीषण चपेट में हैं। ब्रिटेन से लेकर जर्मनी जैसे देश भी महंगाई की मार से नहीं बच सके। ब्रिटेन में महंगाई के चलते एक वर्ष में तीन प्रधानमंत्री बदलने पड़ गए। मगर महंगाई है कि रुकने का नाम नहीं ले रही।

केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस बार महंगाई इजरायल में 14 वर्षों के रिकॉर्ड स्तर पर है। नवंबर में इजरायल की साल-दर-साल मुद्रास्फीति बढ़कर 5.3 प्रतिशत हो गई, जो अक्टूबर 2008 के बाद सबसे अधिक है।  12 महीने की मुद्रास्फीति का आंकड़ा सरकार की 1 से 3 प्रतिशत की ऊपरी सीमा से ऊपर जाना जारी है। पिछली बार यह आंकड़ा दिसंबर 2021 में सीमा के भीतर था। मगर इस बार बेकाबू हो चला है। ऐसे में इजरायल अगर जल्द ही अगला श्रीलंका और पाकिस्तान या वेनेजुएल बन जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

इजरायल में घरेलू कीमतों में लगी आग

केंद्रीय बैंक द्वारा अप्रैल में आधार ब्याज दर को 0.1 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्तमान 3.25 प्रतिशत करने के बावजूद इजरायल की मुद्रास्फीति की वृद्धि पर अंकुश नहीं लगा है। विश्लेषकों का अनुमान है कि बैंक जनवरी की शुरुआत में फिर से ब्याज दर बढ़ाएगा। ब्यूरो के अनुसार, सितंबर-अक्टूबर की अवधि में इजराइल की घरेलू कीमतों में साल-दर-साल 20.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 12 वर्षों में सबसे अधिक है। आसमान छूती कीमतों ने जनता की कमर तोड़ दी है। लोग महंगाई से बेहाल हो रहे हैं। हालत यह है कि खाने-पीन से लेकर सब्जी और दाल की कीमतों में आग लगी है। इससे दाल-सब्जी और फल इत्यादि आमजनों की थाली से गायब है। वर्ष 2022 में ही श्रीलंका ने भी ऐतिहासिक मंदी देखी। जब उसके राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को देश छोड़कर भागना पड़ गया। अब इजरायल में भी ऐसे ही हालात बनते दिख रहे हैं।

चीन में 40 वर्षों की सबसे बड़ी मंदी
इस मंदी की चपेट में खुद को सुपर पॉवर बनाने में लगा चीन भी आ गया है। चीन में 40 वर्षों की सबसे बड़ी मंदी की बयार चल रही है। महंगाई भी चीन में बेकाबू है। बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए इन दिनों खाड़ी-अरब देशों से संपर्क बढ़ाया है। मगर वह भारत की सीमा पर सैन्य तनाव भी पैदा कर रहा है। इससे चीन की गंदी नीयत साफ झलक रही है। कोरोना और महंगाई के चलते चीन अपने देश के लोगों के नहीं संभाल पा रहा, लेकिन वह बॉर्डर पर बवंडर मचा रहा है।

 

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