Thursday, April 18, 2024
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटते ही पाकिस्तान में उठी ग्रेटर करांची की मांग

नदीम नुसरत ने बताया कि पाकिस्‍तान कश्‍मीर में जनमत संग्रह की बात करता है, पर क्‍या वह यही अधिकार अपने यहां के उन अल्‍पसंख्‍यकों को देने के लिए तैयार है, जो सांस्कृतिक और जातीय भिन्‍नता की वजह से हाशिये पर हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 06, 2019 12:02 IST
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटते ही पाकिस्तान में उठी ग्रेटर करांची की मांग- India TV Hindi
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटते ही पाकिस्तान में उठी ग्रेटर करांची की मांग

नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्‍मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने और आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला गया है। आर्टिकल 370 के हटाने के फैसले पर पाकिस्‍तान ने कहा कि नई दिल्‍ली ने गलत समय पर बेहद ही खतरनाक खेल खेला है। वहीं भारत सरकार के इस फैसले के बाद खुद पाकिस्तान के भीतर स्वायत्त 'ग्रेटर कराची' बनाने की मांग तेज हो गई है।

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अमेरिका में स्थित प्रवासी मोहाजिरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के अंदर एक स्वायत्त ग्रेटर कराची बनना चाहिए। समूह उन सभी जातीय संस्थाओं और क्षेत्रों के लिए पूर्ण स्वायत्तता चाहता है जो पाकिस्तान के क्षेत्र का हिस्सा हैं। बता दें कि मुहाजिर वो लोग हैं जो 1947 के बंटवारे के समय भारत से पाकिस्तान गए थे।

वाइस ऑफ कराची नाम के समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे नेता नदीम नुसरत ने कहा कि पाकिस्तान को कोई हक नहीं है कि वह कश्मीरियों के हक के लिए बोले। उसे ऐसा अधिकार तब तक नहीं है जब तक वह खुद अपने यहां मुहाजिर, बलूच, पश्‍तून और हजारा समुदाय के लोगों को उनके अधिकार नहीं देता। 

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के पास किसी भी क्षेत्रीय या अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीरियों के मामले की पैरवी करने का कोई नैतिक आधार नहीं है, अगर वह अपने मूल मानवाधिकारों से अपने नागरिकों को वंचित कर रहा है।

नदीम नुसरत ने बताया कि पाकिस्‍तान कश्‍मीर में जनमत संग्रह की बात करता है, पर क्‍या वह यही अधिकार अपने यहां के उन अल्‍पसंख्‍यकों को देने के लिए तैयार है, जो सांस्कृतिक और जातीय भिन्‍नता की वजह से हाशिये पर हैं।

मुहाजिर नेता ने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान सरकार के कई मंत्री व शीर्ष अधिकारी विदेशों में कश्‍मीरी अलगाववादी नेताओं से मिलते रहे हैं और वहां अस्थितरता को बढ़ावा देते रहे हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान के पुनर्गठन की मांग को लेकर जल्‍द ही प्रयास शुरू किए जाएंगे, जो 1940 के लाहौर रिजॉल्‍यूशन और मुहाजिर, बलूच, पश्‍तून और गिलगिट बाल्टिस्‍तान के लोगों के मुताबिक होगा।

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