इस्लामाबाद: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के जवाबी एक्शन ने ना सिर्फ पाकिस्तान को मिलिट्री लेवल पर झकझोरा, बल्कि उसकी टॉप लीडरशिप में भी डर पैदा कर दिया। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने यहां तक कि खुद कबूल किया कि मई में हालात बिगड़ने के बाद उन्हें बंकर में शरण लेने की सलाह मिली थी। शनिवार को एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस बात का खुलासा किया। इस आर्टिकल में पढ़िए जरदारी ने क्या-क्या बताया?
जरदारी को किसने दी बंकर में जाने की सलाह?
आसिफ अली जरदारी ने कहा कि मई में भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के दौरान उनके मिलिट्री सेक्रेटरी की तरफ से सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें तत्काल बंकर में जाने की सलाह दी गई थी। जरदारी ने बताया, 'मेरे मिलिट्री सेक्रेटरी मेरे पास आए और बोले कि सर जंग शुरू हो गई है। बंकर में चलना चाहिए।' यह उस भय को दिखाता है, जो भारतीय सेना के ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की टॉप लीडरशिप में बैठा हुआ था।
पहलगाम अटैक के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई
बता दें कि मई में हुए इस सैन्य संघर्ष को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया था, जिसे 22 अप्रैल के पहलगाम टेरर अटैक के जवाब में अंजाम दिया गया था। इस कायरतापूर्ण हमले में भारत के 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारतीय सेना ने मई में पाकिस्तान के सैन्य अड्डों पर स्ट्रैटेजिक और सटीक हमले किए थे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में दिखा भारत का दम
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने 7 मई तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए टेरर अटैक के जवाब में की गई सैन्य कार्रवाई थी। इस घटनाक्रम में अहम मोड़ तब आया, जब पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को संघर्षविराम का प्रस्ताव दिया, जिसे भारत ने मान लिया था।
ये भी पढ़ें-
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने माना,ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तबाह हुआ नूर खान बेस, कई जवान हुए थे जख्मी