Sunday, April 28, 2024
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बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन को न्यूयॉर्क बंगाली पुस्तक मेले की संगोष्ठी में ऐन वक्त पर बोलने से रोका, ये रही वजह

बांग्लादेशी विवादित लेखिका तस्लीमा नसरीन को उस वक्त काफी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब 14 जुलाई को उन्हें जमैका के न्यूयॉर्क बंगाली पुस्तक मेले में संगोष्ठी को संबोधित करने से रोक दिया गया। आयोजकों ने विवाद होने के डर से यह फैसला लिया।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: July 19, 2023 7:09 IST
तस्लीमा नसरीन, बांग्लादेशी लेखिका- India TV Hindi
Image Source : FILE तस्लीमा नसरीन, बांग्लादेशी लेखिका

भारत में निर्वासन में रह रही बांग्लादेश में जन्मी बंगाली लेखिका तसलीमा नसरीन को आयोजकों ने विवाद के डर से रविवार को 32वें न्यूयॉर्क बंगाली पुस्तक मेले में संगोष्ठी को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी। अमेरिका स्थित बांग्लादेशी समाचार वेबसाइट sandhan24.com की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में मौजूद तस्लीमा ने शनिवार को न्यूयॉर्क बंगाली पुस्तक मेले का दौरा किया और जल्द ही सैकड़ों बंगाली पुस्तक प्रेमियों से घिर गईं, जिन्होंने उनके ऑटोग्राफ लिए और उनके साथ सेल्फी खिंचवाई।

इस चार दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन मुक्तधारा फाउंडेशन द्वारा 14 जुलाई से जमैका परफॉर्मिंग आर्ट्स सेंटर में किया गया था। हालांकि तसलीमा को आमंत्रित नहीं किया गया था, लेकिन उन्होंने बंगाली लेखक सितांगशु गुहा और अन्य स्थानीय निवासियों सहित अपने सामान्य मित्रों के कहने पर मेले में आने का फैसला किया। पुस्तक मेले के समन्वयक ने उन्हें अगले दिन 20 मिनट के लिए एक संगोष्ठी को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन बाद में आयोजन समिति इस बात पर विभाजित हो गई कि उन्हें बोलने के लिए आमंत्रित किया जाए या नहीं। अंततः उन्हें संगोष्ठी को संबोधित करने से रोक दिया गया।

आखिर वक्त में संबोधन से रोका गया

वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार देर तक दो पक्षों में चली बहस के बाद तस्लीमा को बताया गया कि उन्हें संगोष्ठी को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बांग्लादेशी पत्रकार हसनुज्जमां साकी ने कहा, 'यह दुख और शर्म की बात है कि बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने के बाद अब तस्लीमा को न्यूयॉर्क में अपने ही देश के लोगों को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी गई है। आयोजकों के एक वर्ग ने उन्हें बोलने की अनुमति न देकर संकीर्णता का परिचय दिया।'' न्यूयॉर्क बंगाली पुस्तक मेले का उद्घाटन 14 जुलाई को बांग्लादेशी लेखक शाहदुज्जमान ने किया और स्वतंत्रता सेनानी डॉ. सेतारा रहमान मुख्य अतिथि थे।

1994 में तस्लीमा को छोड़ना पड़ा था देश

तस्लीमा नसरीन को 1994 में बांग्लादेश से भागने के लिए उस वक्त मजबूर होना पड़ा था, जब कट्टरपंथी मुस्लिम मौलवियों ने उनके उपन्यासों और लेखों में इस्लाम को निशाना बनाने के लिए उनके खिलाफ मौत का 'फतवा' जारी किया था। भारत में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद बांग्लादेश में हिंदू विरोधी दंगों पर आधारित बंगाली 'लज्जा' (शर्म) में उनका अभूतपूर्व उपन्यास बेस्टसेलर बना हुआ है। बांग्लादेश सरकार ने 'लज्जा' और उनकी कुछ बाद की पुस्तकों पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके साथ ही उनका बांग्लादेशी पासपोर्ट रद्द कर दिया, जिससे उन्हें भारत को अपना घर बनाने से पहले कई पश्चिमी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।

2007 में, हैदराबाद में एक बैठक में मुस्लिम कट्टरपंथियों के नेतृत्व में भीड़ ने उन पर हमला किया। इस्लामी कट्टरपंथियों के उत्पात के बाद सुरक्षा कारणों से उन्हें कोलकाता छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब तस्लीमा 2012 से कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली में रह रही हैं और उनका निवास परमिट लगभग हर साल बढ़ाया जाता है।

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