Saturday, April 27, 2024
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पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख की पोती का सनसनीखेज खुलासा, इमरान और PTI समर्थक 18 महिला कैदियों पर किया ये दावा

नौ मई को रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित राज्य सरकार और सेना के कई प्रतिष्ठानों पर कथित रूप से हमला करने और आग लगाने के आरोप में देश भर में कम से कम 10,000 पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। इसमें कैद महिलाओं की व्यथा को पूर्व सेना प्रमुख की बेटी ने उजागर किया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: October 26, 2023 18:40 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख की पोती और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की नेता खादिजा शाह ने जेल से खुला पत्र लिखकर पार्टी की 18 महिला कैदियों की व्यथा को उजागर किया है। बीती 9 मई की हिंसा में कथित रूप से शामिल होने पर गिरफ्तार की गईं खादिजा शाह ने सनसनीखेज पत्र के जरिये खुद समेत पार्टी की 19 महिला कैदियों के प्रति ‘सहानुभूति और मानवता’ दिखाने की मांग की है। दिवंगत जनरल आसिफ नवाज जंजुआ की पोती और पेशे से फैशन डिजाइनर शाह उन महिलाओं में शामिल हैं, जिन्हें नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर किये गये हमले में कथित तौर पर शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया था।
 
भ्रष्टाचार के एक मामले में पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद यह हिंसा भड़की थी। खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले के संबंध में वह अब भी जेल में हैं। पिछले सप्ताह जमानत पाने वालीं खादिजा शाह को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया और उन्होंने अब पांच पन्ने का एक हस्तलिखित पत्र जारी किया है जिसे उनके पति ने ‘एक्स’ पर पीटीआई के आधिकारिक अकाउंट पर बुधवार को साझा किया। पत्र में पार्टी की महिला कैदियों के बीच "अलगाव, दर्द और पीड़ा" की दिल दहला देने वाली कहानियों का वर्णन किया गया है। शाह ने कहा कि नौ मई के विरोध प्रदर्शन में ‘शांतिपूर्वक भाग लेने’ के लिए उन्हें चार महीने से अधिक समय से जेल में रखा गया है।
 
चिट्ठी में लिखी ये बात
खादिजा शाह ने पत्र में लिखा, ''लाहौर की कोट लखपत जेल में पीटीआई समर्थक प्रत्येक महिला कैदी को अकल्पनीय सजा भुगतनी पड़ी है।'' शाह ने कहा, "इन महिला कैदियों की बाहरी दुनिया तक पहुंच नहीं है और वे अपनी व्यथा साझा करने में असमर्थ हैं, मेरे साथ कैद की गई महिलाओं को असहनीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, वे इंतजार कर रही हैं कि दुनिया इस पर ध्यान दे और उनके लिए आवाज उठाए। कैद में रहने वाली ये 18 महिलाएं सिर्फ 18 महिलाएं नहीं हैं। वे 18 घर, 18 परिवार हैं और अनगिनत जिंदगियां पूरी तरह बिखर गई हैं।  जनरल जंजुआ ने अगस्त 1991 से जनवरी 1993 में अपनी मृत्यु तक चौथे सेनाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।  (भाषा) 
 

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