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पाकिस्तान के इस शहर में हिंदुओं का बोलबाला, यहां मुस्लिमों को है इस बात की सख्त पाबंदी

पाकिस्तान में एक ऐसा शहर है, जहां हिंदु आबादी का बहुमत है। यहां मुस्लिमों से ज्यादा हिंदू रहते हैं। खास बात यह है कि यहां श्रीकृष्ण मंदिर में रोज पूजा आरती के वक्त अजान नहीं की जाती है। यहां मुस्लिमों के लिए एक और सख्त पाबंदी है, जानिए क्या?

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Jan 12, 2024 13:30 IST, Updated : Jan 12, 2024 13:30 IST
मीठी सिटी, पाकिस्तान- India TV Hindi
Image Source : FILE मीठी सिटी, पाकिस्तान

Pakistan News: पाकिस्तान का एक शहर ऐसा है जहां मुस्लिमों का नहीं बल्कि हिंदुओं का बोलबाला है। यहां हिंदू मंदिर हैं जहां पूजा अर्चना की जाती है। यहां के हिंदू भगवान की सुबह शाम पूजा आरती करते हैं। यह शहर पाकिस्तान में कराची से 280 किमी दूर सिंध प्रांत में है। वैसे तो पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी कम रह गई है। लेकिन इस शहर में हिंदुआं की तूती बोलती है। यहां मुस्लिमों पर एक बड़ी पाबंदी भी लगा रखी है। यही नहीं, दीपावली पर आतिशबाजी से यहां आकाश उजला हो उठता है ओर गुंजायमान हो उठता है। 

पाकिस्तान के इस शहर का नाम है मीठी शहर। यह पाकिस्तान के थार रेगिस्तान में स्थित एक शहर है। यह मीठी शहर पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची से करीब 280 किलोमीटर की दूरी पर सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में है। लाहौर से मीठी शहर की दूी 879 किमी है।

धार्मिक साहिष्णुता की मिसाल है पाकिस्तान का यह शहर

पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी में काफी कमी आई है। जब पाकिस्ताान 1947 में आजाद हुआ था, तब पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 20 फीसदी थी। लेकिन अब यह घटकर मात्र 1 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं पाकिस्तान में मुस्लिम आबादी 97 फीसदी के आस-पास है। लेकिन मीठी शहर की जब बात होती है तो यहां हिंदुओं का बोलबाला है। मीठी नाम के शहर में हिंदू आबादी ज्यादा होने की वजह से मुसलमान हिंदुओं की धार्मिक आस्थाओं और प्रतीकों का पूरा सम्मान करते हैं। हालांकि पाकिस्तान के अन्य ​इलाके में हिंदुओं की स्थिति खराब ही है।

बहुमत में हैं हिंदु, मांस खाने पर पाबंदी को मानते हैं मुस्लिम

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक मीठी पाकिस्तान के उन चंद इलाकों में एक है, जहां मुस्लिम नहीं, हिंदू बहुमत में हैं। मीठी की कुल आबादी में 80 फीसदी हिंदू हैं। यहां मुसलमानों को मांस खाने की मनाही है। किसी भी जानवर का मांस मीठी शहर में नहीं खाया जाता है। मुस्लिमों के यहां मांस खाने पर सख्त पाबंदी है। दरअसल, मीठी शहर में हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी ही मिसाल देखने को मिलती है। यहां की कुल आबादी लगभग 87 हजार है, जिसमें तकरीबन 80 फीसदी लोग हिंदू हैं।

मिल-जुलकर मनाते हैं दीपावली और ईद

पाकिस्तान के मीठी शहर में मुस्लिम दिवाली और ईद मिलजुल कर मनाते हैं। हिंदू समुदाय के लोग मुहर्रम के जुलूस में हिस्सा लेते हैं और कई बार तो मुसलमानों के साथ रोजे भी रखते हैं।

श्रीकृष्ण मंदिर में आरती के समय नहीं होती है अजान

पाकिस्तान के इस शहर में कई मंदिर भी हैं। इनमें जिसमें सबसे प्रसिद्ध श्रीकृष्ण मंदिर है। कहते हैं कि जब यहां हिंदू मंदिरों में पूजा आरती करते हैं, तब अजान के लिए तेज आवाज में स्पीकर नहीं बजाए जाते हैं और नमाज के वक्त मंदिरों में घंटियां नहीं बजाई जाती हैं। इस शहर में क्राइम रेट पाकिस्तान के दूसरे शहरों की अपेक्षा बिल्कुल कम है। यहां अपराध दर महज दो फीसदी है और सबसे खास बात कि यहां धार्मिक असहिष्णुता कभी भी देखने को नहीं मिलती। 

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