Sunday, April 28, 2024
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चीन सीमा से लगे तवांग क्षेत्र में भारत ने पहुंचाया 4जी नेटवर्क, पीएम मोदी के वाइब्रेंट विलेज योजना से घबराया ड्रैगन

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे जिस तवांग क्षेत्र में भारत और चीन के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था। अब वहां तक भारत ने 4जी नेटवर्क पहुंचा दिया है। इससे ड्रैगन को चिंता होने लगी है। पीएम मोदी की मह्तवाकांक्षी योजना वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज के तहत यह कार्य किया गया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 30, 2023 16:24 IST
भारत-चीन सीमा (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : PTI भारत-चीन सीमा (प्रतीकात्मक फोटो)

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे जिस तवांग क्षेत्र में भारत और चीन के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था। अब वहां तक भारत ने 4जी नेटवर्क पहुंचा दिया है। इससे ड्रैगन को चिंता होने लगी है। पीएम मोदी की मह्तवाकांक्षी योजना वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज के तहत यह कार्य किया गया है। प्रधानमंत्री ने चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगे सभी गांवों में 4जी नेटवर्क से लेकर अन्य सभी बुनियादी हाईटेक सुविधाएं पहुंचाने का प्रण लिया है। ताकि सीमा के गांवों में विकास को रफ्तार दी जा सके। साथ ही साथ दुश्मन की हर हरकतों पर टेक्नॉलोजी के जरिये नजर रखी जा सके। इससे सीमा क्षेत्रों से होने वाले पलायन को रोका जा सकेगा। 

आपको बता दें कि चीन अरुणाचल और लद्दाख सीमा से लगे अपने क्षेत्रीय गांवों में पहले ही वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत 4जी और अन्य हाईटेक सुविधाएं पहुंचा चुका है। मगर अब भारत के गांव भी चीन को कड़ी टक्कर देंगे। भारत-चीन सीमा से लगे गांवों के वाइब्रेंट होने से सैनिक चीनी दुश्मनों पर आसानी से नजर रख सकेंगे। गांवों की सुरक्षा के बहाने सीमा क्षेत्र में पेट्रोलिंग भी बढ़ेगी। दुश्मनों पर नजर रखने के लिए ग्रामीण लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा।

तवांग तक पहुुंचा 4 जी

एयरटेल के सरकारी वित्तपोषण वाले 4जी टावर ने पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अंतिम गांवों में से एक लुंपो में सेवाएं शुरू कर दी हैं। इससे स्थानीय लोगों के लिए अत्याधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था सुलभ हो गई है। तवांग और राज्य की राजधानी ईटानगर के बीच स्थित जिले बोम्डिला से 38 किलोमीटर दूर दिरंग में एयरटेल की प्रतिद्वंद्वी रिलायंस जियो पहले से ही मौजूद है। अधिकारियों ने कहा, “इसके दिरांग से 98 किलोमीटर दूर जांग से मई के मध्य तक और उसके बाद जांग से 40 किलोमीटर दूर तवांग से जून के अंत तक जुड़ने की उम्मीद है। दूरसंचार टावर से स्थानीय लोगों के लिए कई सेवाएं शुरू हो जाएंगी।”

इंटरनेट सेवा से व्यापार और कार्यों में आएगी तेजी

सड़क संरचना में सुधार के साथ लुंपा और नजदीकी गांवों के ज्यादातर लोगों ने वाहन खरीद लिए हैं लेकिन इंटरनेट नेटवर्क नहीं होने की स्थिति में उन्हें बैंकिंग, शिक्षा, खरीदारी और सरकारी सेवाओं के लिए घंटों यात्रा करनी पड़ती है। लुंपो में एक इलेक्ट्रीशियन ने पीटीआई-भाषा को बताया, “हम पिछले 10-12 वर्षों से बीएसएनएल नेटवर्क पर मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं लेकिन इंटरनेट काम नहीं करता है। एयरटेल 4जी अभी शुरू हुआ है और अब हम गूगल पे, फोन पे भी यहां उपयोग कर पा रहे हैं।

बॉर्डर क्षेत्रों में लगाए गए 4 जी टॉवर

यहां अब गूगल भी अच्छा काम कर रहा है। ऑनलाइन वीडियो भी अच्छे से चल रहे हैं।” लुंपो तवांग जिला मुख्यालय से करीब 115 किलोमीटर और हवाई दूरी के मामले में एलएसी से तीन-पांच किलोमीटर दूर है। जहां एयरटेल ने तवांग सीमा पर दूरसंचार सेवाओं को गति दी है वहीं जियो के त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 10 टावर स्थल और मेघालय में भारत-बांग्लादेश सीमा के साथ-साथ मिजोरम और मणिपुर में भारत-म्यामां सीमा पर 19 टावर स्थल हैं।

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