लाहौर: पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के 17 समर्थकों को 2023 के दंगा मामले में 10-10 साल की जेल की सजा सुनाई है। लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश मंजर अली गिल ने यह फैसला सुनाया है। यह फैसला 9 मई, 2023 को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान शहर में उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश के दस्ते में शामिल वाहन को आग लगाने से संबंधित है। ये विरोध-प्रदर्शन पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़के थे।
किन लोगों को सुनाई गई सजा
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के दोषी ठहराए गए नेताओं में पंजाब के पूर्व मंत्री यास्मीन राशिद और मियां महमूदुर राशिद, पंजाब के पूर्व गवर्नर उमर सरफराज चीमा और पूर्व सीनेटर एजाज चौधरी शामिल हैं। अदालत ने इसी मामले में पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख आसिफ नवाज जंजुआ की पोती और फैशन डिजाइनर खदीजा शाह को भी 5 साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत के एक अधिकारी के अनुसार, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और 20 अन्य को इस मामले में बरी कर दिया गया है।
PTI ने जताई नाराजगी
लाहौर में 9 मई, 2023 के प्रदर्शन से जुड़ा यह चौथा मामला है, जिसमें कुरैशी को बरी कर दिया गया, जबकि राशिद, चीमा, चौधरी और राशिद को दोषी ठहराया गया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता जुल्फी बुखारी ने एक बयान में कहा, ‘‘पीटीआई नेताओं के खिलाफ 9 मई 2023 की घटनाओं पर यह फैसला चौंकाने वाला है। ऐसा लगता है कि पीटीआई के खिलाफ फैसला सुनाना न्यायपालिका में बने रहने का एकमात्र जरिया बन गया है।’’
9 मई, 2023 को हुआ क्या था
बुखारी ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से राजनीतिक है। यह खान की लोकप्रियता को दबाने और कानून के बजाय भय के माध्यम से लोकतांत्रिक आवाजों को चुप कराने के लिए बनाया गया एक डराने-धमकाने का जरिया है। 9 मई, 2023 को, पीटीआई समर्थकों ने खान की गिरफ्तारी के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया था और सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी इमारतों पर हमला किया था। दंगों के बाद, लगभग पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 10,000 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था। (भाषा)
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