Friday, April 26, 2024
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Sri Lanka News: श्रीलंका के स्पीकर ने किया गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे का ऐलान, जानिए त्यागपत्र में देरी की क्या थी वजह?

Sri Lanka News: स्पीकर ने कहा इस्तीफा ईमेल से मिला इसीलिए वेरिफिकेशन में देरी हुई। राष्ट्रपति का इस्तीफा 14 जुलाई से मान्य होगा।

Reported By : T. Raghavan Edited By : Deepak Vyas Updated on: July 15, 2022 11:11 IST
Gotabaya Rajpaksa- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Gotabaya Rajpaksa

Highlights

  • राष्ट्रपति का इस्तीफा 14 जुलाई से मान्य होगा
  • कल मांगा था इस्तीफा, तय अवधि तक नहीं मिल पाया था
  • ऐसा पीएम चुनें, जो सभी को मान्य हो: विक्रमसिंघे

Sri Lanka News: श्रीलंका में राजनीतिक घमासान जारी है। जहां प्रदर्शनकारी देशभर में सक्रिय हैं, वहीं रानिल विक्रमसिंघे के आदेशों को भी प्रदर्शनकारी नहीं मान रहे हैं। इसी बीच श्रीलंका की संसद के स्पीकर ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे का ऐलान किया है। स्पीकर ने कहा इस्तीफा ईमेल से मिला इसीलिए वेरिफिकेशन में देरी हुई। राष्ट्रपति का इस्तीफा 14 जुलाई से मान्य होगा। संविधान के अनुसार PM रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति के चयन तक राष्ट्रपति पद का कार्यभार देखेंगे। 16 जुलाई यानी कल संसद का सत्र बुलाया जाएगा जिसमें नए राष्ट्रपति के चयन को लेकर चर्चा के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

कल मांगा था इस्तीफा, तय अवधि तक नहीं मिल पाया था

कल शुक्रवार को श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से इस्तीफा मांगा था। उन्होंने गुरुवार को राजपक्षे को सूचित किया था कि उन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रपति के तौर पर अपना इस्तीफा सौंप देना चाहिए, वरना वह उन्हें पद से हटाने के लिए अन्य विकल्पों पर गौर करेंगे। संसद अध्यक्ष ने बुधवार को कहा था कि राष्ट्रपति ने टेलीफोन पर बातचीत में उन्हें सूचित किया है कि वह बुधवार को आधी रात से पहले ही अपना इस्तीफा सौंप देंगे। हालांकि, उन्होंने निर्धारित की गई अवधि तक ऐसा नहीं किया था। श्रीलंका की मीडिया के अनुसार गुरुवार को अध्यक्ष अभयवर्धने ने खुद के भी दबाव में होने का हवाला देते हुए राष्ट्रपति राजपक्षे को जल्द से जल्द इस्तीफा पत्र सौंपने के लिए कहा था।

ऐसा पीएम चुनें, जो सभी को मान्य हो: विक्रमसिंघे

उधर, प्रधानमंत्री के मीडिया प्रभाग ने बुधवार को कहा कि कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अध्यक्ष अभयवर्धने को ऐसा प्रधानमंत्री नॉमिनेट करने के लिए कहा है जो सरकार तथा विपक्ष दोनों को स्वीकार्य हो। श्रीलंका में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। राजपक्षे के देश छोड़कर जाने के बाद बुधवार को दोपहर बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और संसद जाने के मुख्य मार्ग पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़पें हुई थीं। जिसके बाद कम से कम 84 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। 

श्रीलंका के हालात पर यूएन ने भी जताई चिंता

उधर, श्रीलंका के संकट पर यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि हम श्रीलंका में स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। उन्होंने सभी दलों के नेताओं से शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण के लिए ‘समझौते की भावना अपनाने’ का अनुरोध किया है। 

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