Thursday, May 02, 2024
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पश्चिम ने कहा था-"प्रिगोझिन को समझौते के बाद भी माफ नहीं करेंगे पुतिन", वैगनर समर्थकों ने हादसे को हत्या बताया

गत 23 जून को प्रिगोझिन के लड़ाकों ने कूच करना शुरू किया था और कुछ घंटों में रूस के दक्षिणी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में प्रवेश कर गए। एक सैन्य मुख्यालय पर कब्जा कर लिया। प्रिगोझिन ने इस कदम को रूसी शीर्ष सैन्य नेताओं को हटाने के लिए ‘‘न्याय का मार्च’’ कहा था।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: August 24, 2023 20:59 IST
हादसे के बाद धू-धूकर जलता प्रिगोझिन का विमान। - India TV Hindi
Image Source : AP हादसे के बाद धू-धूकर जलता प्रिगोझिन का विमान।

रूस कीनिजी सेना वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन और उनके समूह के शीर्ष अधिकारियों की एक विमान दुर्घटना में मौत को व्यापक रूप से रूस के बदले की कार्रवाई और हत्या के रूप में देखा जा रहा है। वैगनर ग्रुप के समर्थक इसे बदले की कार्रवाई करार दे रहे हैं। कहा ये भी जा रहा है कि पश्चिम ने उसी वक्त यह बता दिया था कि समझौते के बाद भी पुतिन प्रिगोझिन को माफ नहीं करेंगे, जब वैगनर चीफ ने रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाने के बाद अपने विरोध को वापस ले लिया था। वैगनर समर्थकों ने दो वीडियो जारी कर दावा किया है कि प्लैन में कोई धमाका होता दिख रहा है। यह साधारण हादसा नहीं है, बल्कि प्रिगोझिन के विमान को मार गिराया गया है।

बता दें कि मई महीने में प्रिगोझिन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से बगावत कर लिया था। उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकने की कसम खाई थी। मगर बाद में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकांस्को की पहल पर पुतिन और प्रिगोझिन में समझौता हो गया था। इसके बाद वैगनर चीफ को बेलारूस जाने की इजाजत दे दी गई थी। जबकि उससे पहले पुतिन ने प्रिगोझिन की बगावत को राष्ट्रदोह बताते हुए उन्हें माफ नहीं करने की कसम खाई थी। प्रिगोझिन की बगावत से पुतिन की साख को खासा नुकसान पहुंचाया था। रूस की नागर विमानन एजेंसी ने बताया है कि प्रिगोझिन और उनकी सेना के छह शीर्ष अधिकारी एक विमान में सवार थे, जो चालक दल के तीन सदस्यों के साथ बुधवार को मॉस्को से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बचावकर्मियों को सभी 10 शव मिल गए हैं।

पुतिन ने अब तक प्रिगोझिन की मौत पर कुछ नहीं बोला

सेंट पीटर्सबर्ग में वैगनर के मुख्यालय में एक बड़े क्रॉस के आकार में रोशनी की गई। प्रिगोझिन के समर्थकों ने तुरंत बनाए गए एक स्मारक में फूल चढ़ाए। पुलिस ने उस क्षेत्र की घेराबंदी कर दी जहां विमान का मलबा गिरा और जांचकर्ताओं ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। बुरी तरह से जले हुए शवों को फॉरेंसिक जांच के लिए ले जाने वाले वाहनों को घटनास्थल आते देखा गया। मगर प्रिगोझिन की मौत को लेकर अटकलों के बीच पुतिन ने अब तक इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। राष्ट्रपति ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित किया और समूह के सदस्यों के बीच सहयोग बढ़ाने की बात कही। पुतिन ने दुर्घटना का जिक्र नहीं किया और राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ ने भी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।

प्रिगोझिन समर्थकों ने कहा-जानबूझकर मार गिराया गया विमान

प्रिगोझिन समर्थकों ने मैसेजिंग ऐप के वैगनर समर्थक चैनल पर दावा किया कि विमान को जानबूझकर मार गिराया गया और उन्होंने इसके लिए कई तरह की आशंकाएं जताई हैं। रूसी अधिकारियों ने कहा है कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। अटकलों को इसलिए बल मिल रहा है क्योंकि पुतिन के कई प्रतिद्वंद्वियों और आलोचकों पर पूर्व में जानलेवा हमले हो चुके हैं। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के अधिकारियों का लंबे समय से मानना था कि 23-24 जून की बगावत को समाप्त करने वाले समझौते में आरोप वापस लेने का वादा करने के बावजूद पुतिन प्रिगोझिन को माफ नहीं करेंगे। जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा, ‘‘यह कोई संयोग नहीं है कि पूरी दुनिया तुरंत क्रेमलिन की ओर देखती है जब पुतिन का एक कुख्यात पूर्व विश्वासपात्र बगावत के प्रयास के दो महीने बाद अचानक दुर्घटना में मारा जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पैटर्न को जानते हैं।

पुतिन से बगावत करने वाला जीवित नहीं रहता

दावा किया जा रहा है कि रूस में मौत और आत्महत्या समेत कई ऐसे मामले आते हैं, जिनका कभी कुछ पता नहीं चलता।’ ये समझ लो कि पुतिन से बगावत करने वाला कोई जीवित नहीं बचता, किसी न किसी बहाने उसकी मौत तय हो जाती है। मगर हत्या या साजिश के सुबूत नहीं मिलते। एक सप्ताह पहले रूसी मीडिया में खबरें आई थीं कि प्रिगोझिन से जुड़ाव रखने वाले यूक्रेन में पूर्व शीर्ष कमांडर सर्गेई सुरोविकिन को रूस की वायुसेना के कमांडर पद से हटा दिया गया। ज्यादातर विश्लेषकों ने वैगनर प्रमुख की मौत को पुतिन के 23 साल के शासन के लिए सबसे गंभीर चुनौती की सजा के रूप में देखा है। प्रिगोझिन यूक्रेन में युद्ध में रूसी सैनिकों के लड़ाई के तौर तरीकों के भी मुखर आलोचक थे जहां उनके लड़ाके भी मोर्चे पर डटे हुए थे। लेकिन बगावत के बाद वह सरकार की नजरों में चुभ गए। (एपी)

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