Saturday, April 27, 2024
Advertisement

गरीब देशों के लिए खतरा बनता चीन, जिस मुद्दे पर दुनिया कुछ नहीं बोल पाई...उस पर भारत ने UN में ड्रैगन का बजा दिया बैंड

पाकिस्तान, श्रीलंका, चीन, मालदीव, वर्मा, नेपाल जैसे छोटे-छोटे और निम्न आय वाले देशों को चीन ने षड्यंत्रपूर्वक अपना आर्थिक गुलाम बना लिया है। पहले उन्हें ऋण जाल के दुष्चक्र में फंसाया, फिर उनकी संपत्तियों पर अपना कब्जा जमाने लगा। इस पर संयुक्त राष्ट्र भी खामोश है, मगर भारत ने यूएन में चीन की इस मुद्दे पर हवा निकाल दी।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: November 22, 2023 6:44 IST
संयुक्त राष्ट्र। - India TV Hindi
Image Source : AP संयुक्त राष्ट्र।
एशिया और मिडिल-ईस्ट के देशों के लिए चीन किसी मीठे जहर से कम नहीं है। गरीब देशों को ऋण के जाल में फंसाकर चीन उनकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर रहा है और फिर उन्हें अपना गुलाम बना रहा है। पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल जैसे देशों को चीन ने गरीबी की ऐसी खाईं में धकेल दिया है, जहां से निकल पाना उन देशों के लिए आसान नहीं है। इन देशों को ऋण के जाल में फंसाकर चीन ने उनकी संप्रभुता पर भी हमला करना शुरू कर दिया है। इन देशों की संपत्तियों पर बैकडोर से चीन अपना कब्जा जमाता जा रहा है। मगर यह सब देखते हुए भी दुनिया खामोश है। दुनिया की इस खामोशी पर भारत भड़क उठा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे पर चीन का नाम लिए बिना ही उसका बैंड बजा दिया है। 
 
भारत ने चीन पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पारदर्शी और न्यायसंगत वित्तपोषण पर काम करना चाहिए। अस्थिर वित्तपोषण के खतरों के प्रति सतर्क रहना चाहिए, जो ऋण जाल के दुष्चक्र की ओर ले जाता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में दूत आर मधुसूदन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सोमवार को 'अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना : सामान्य विकास के माध्यम से स्थायी शांति को बढ़ावा देना' नामक विषय पर आयोजित एक खुली बहस में कहा, ‘‘यदि संसाधनों की कमी बनी रही तो विकास एक दूर का सपना है। इसलिए, भारत ने जी20 की अपनी मौजूदा अध्यक्षता सहित विभिन्न मंचों पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सुधार की दिशा में काम किया।

ऋण जाल के दुष्चक्र से गरीब देशों को बचाना होगा

भारत का संकेत साफ था कि ऋण जाल के जिस दुष्चक्र में चीन गरीब देशों को फंसाता जा रहा है, उससे सावधान रहना होगा। ’’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 15 सदस्यीय समिति की यह बैठक चीन की इस महीने की अध्यक्षता में हुई। मधुसूदन ने कहा कि जैसा कि बैठक के अवधारणा पत्र से पता चलता है, ‘‘हमें पारदर्शी और न्यायसंगत वित्तपोषण पर काम करना चाहिए और अस्थिर वित्तपोषण के खतरों के संबंध में सतर्क रहना चाहिए जो ऋण जाल के दुष्चक्र की ओर ले जाता है।’’ उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक दृष्टिकोण में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के तीन स्तंभों- शांति एवं सुरक्षा, विकास और मानवाधिकारों की परस्पर निर्भरता को शामिल किया जाना चाहिए। मधुसूदन ने कहा, ‘‘सुरक्षा वास्तव में बहुआयामी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अन्य निकायों के लिए अनिवार्य पहलुओं सहित हर पहलू में सुरक्षा परिषद की भागीदारी उचित नहीं हो सकती। (भाषा) 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement